'मोदी जी, अमित शाह और राहुल गांधी', PK का दिल्ली के नेताओं पर तंज, कहा- बिहार की जनता ने जमीन पर...
Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने कहा कि यह बिहार के लोगों की ताकत है कि मोदी जी, अमित शाह या राहुल गांधी सभी को जमीन पर आना होगा. सबको बताना पड़ेगा कि बिहार से पलायन कब रुकेगा.

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी बिहार बदलाव यात्रा के क्रम में आज सारण के अमनौर विधानसभा में ‘बिहार बदलाव जनसभा’ करने पहुंचे. कटसा के बावन बीघा मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे पर निशाना साधा.
प्रशांत किशोर ने पूछा बिहार में फैक्ट्री कब लगेगी?
प्रशांत किशोर ने कहा कि "यह बिहार के लोगों की ताकत है कि मोदी जी, अमित शाह या राहुल गांधी सभी को जमीन पर आना होगा, लेकिन सबको बताना पड़ेगा कि बिहार से पलायन कब रुकेगा, बिहार में फैक्ट्री कब लगेगी? गुजरात में फैक्ट्री लग रही है, यह बोल कर बिहार में वोट नहीं ले सकते हैं." उन्होंने कहा कि यहां के मढ़ौरा की चीनी मिल तभी शुरू हो सकेगी, जब आप इसके लिए वोट करेंगे. चीनी मिल बंद है और आप वोट देकर मोदी को जिताए जा रहे हैं.
वहीं उन्होंने बीजेपी सांसद संजय जायसवाल पर भी पलटवार किया. उन्होंने कहा कि संजय जायसवाल जितना फड़फड़ाना चाहते हैं, फड़फड़ा लें. कल (शुक्रवार) को पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर चौथा किश्त जारी करेंगे, तब सभी लोग धराशायी होकर गिर जाएंगे.
प्रशांत किशोर ने सारण की जनता से बड़ा वादा किया और कहा कि "दिसंबर 2025 से बुजुर्गों को 2000 रुपये मासिक पेंशन, बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा और युवाओं को बिहार में ही 10-12 हजार रुपये का रोजगार मिलने लगेगा.
इससे पहले प्रशांत किशोर ने अमनौर की जनसभा में जनता से बड़ा वादा करते हुए कहा कि जन सुराज की व्यवस्था बनी तो दिसंबर 2025 से 60 साल से अधिक उम्र के हर पुरुष और महिला को 2000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी. जब तक सरकारी विद्यालयों में सुधार नहीं हो जाएगा, तब तक आप अपने 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएं और उनकी फीस सरकार भरेगी ताकि गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सके.
'बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी'
इसके अलावा प्रशांत किशोर ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी. छठ के बाद सारण के युवाओं को 10-12 हजार रुपये की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। बिहार भर के ऐसे 50 लाख युवाओं को वापस बुलाकर उन्हें यहीं 10-12 हजार रुपये का रोजगार दे दिया जाएगा.
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Source: IOCL





















