स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने तेजस्वी यादव के बयान को बताया भ्रामक, कहा- गैरजिम्मेदाराना है उनकी आदत
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बार-बार निवेदन करने के बावजूद पिछले कुछ दिनों से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कोरोना की जांच और इलाज को लेकर लगातार राजनीतिक बयानबाजी कर रहे थे.

पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से कोरोना जांच की संख्या को लेकर मीडिया में फजीहत करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी पीसी की, जिसमें उन्होंने तेजस्वी यादव के सभी बातों का पलटवार किया. मंगल पांडेय ने कहा, "आजतक कभी भी कोरोना को लेकर मैंने राजनीतिक बयान नहीं दिया. सदन के अंदर भी मैंने प्रतिपक्ष को हाथ जोड़कर कहा था कि कोरोना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. कोरोना एक महामारी है जो पूरे दुनिया में फैला है और इस महामारी से हम सभी को मिलकर लड़ना है. कृपया इसपर राजनीति ना करें."
उन्होंने कहा, " बार-बार निवेदन करने के बावजूद पिछले कुछ दिनों से नेता प्रतिपक्ष को मैं देख रहा था कि वो कोरोना की जांच हो या इलाज हो, इसे लेकर लगातार राजनीतिक बयानबाजी कर रहे थे. मुझे भरोसा था कि बिहार की जनता के हित में वो राजनीतिक बयानबाजी न करते हुए सकारात्मक बयानबाजी करेंगे. लेकिन उन्होंने इसे लगातार जारी रखा और आज तो उन्होंने हद ही पार कर दी तब मुझे बाध्य होकर कुछ बातों को मीडिया के माध्यम से राज्य की जनता को बताना पड़ रहा है."
मंगल पांडेय ने कहा, " नेता प्रतिपक्ष ने आज कोरोना जांच के संबंध में जो बयान दिया है, मैं बहुत ही जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि वह बयान पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन है. 3 अगस्त को सदन में जांच के संबंध में जो मैंने बयान दिया था, मैं आज भी उस वक्तव्य पर कायम हूं. मैंने उस दिन भी कहा था कि लगभग 6 लाख 12 हजार जांच हुए हैं, जिसमें साढ़े तीन लाख जांच आरटीपीसीआर से हुए हैं, एक लाख दस हजार के करीब ट्रूनेट से हुए हैं और एक लाख 78 हजार के करीब रैपिड एंटीजेन टेस्ट हुए हैं."
मंगल पांडेय ने कहा, " उन्होंने आज वो बयान फिर से सुनाया है, जो बयान मैंने सदन के अंदर दिया था और मैं फिर कह रहा हूं, 3 अगस्त के बयान पर मैं अभी भी कायम हूं. विभाग ने जो जानकारी इकट्ठा की थी, वो पूरी तरह से सही है. उस दिन मैंने जो सदन में आंकड़े दिए थे, आज नेता प्रतिपक्ष ने उसे वीडियो के माध्यम से मीडिया को सुनाया है. लेकिन लगभग साढ़े तीन लाख जांच आरटीपीसीआर से हुए हैं और उस दिन तक उतनी जांचे हुई थी और ये सत्य है."
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, " आज उन्होंने भ्रम पैदा किया है कि मुख्यमंत्री ने 6,100 जांच ही कहा है. ऐसे में बहुत साफ तौर पर नेता प्रतिपक्ष ये बात समझ लें कि 6,100 जांच मुख्यमंत्री ने एक दिन के आरटीपीसीआर जांच की क्षमता बताई है और 4,400 ट्रूनेट जांच के बारे में कहा था और कुल मिलाकर रोजाना 10,500 जांच की बात मुख्यमंत्री ने बताई है." ये बात नेता प्रतिपक्ष को समझना चाहिए और गलत बयान नहीं देना चाहिए. जैसा उन्होंने कहा है मुख्यमंत्री ने कभी ऐसा अपने बयान में नहीं कहा है. इसलिए नेता प्रतिपक्ष से कहता हूं कि अगर आप कुछ बोले तो जिम्मेदारी के साथ बोले क्योंकि आप एक जिम्मेदार पद पर हैं. तथ्यों को पूरी तरह समझ कर बोलिए."
मंगल पांडेय ने बताया, " आज भी राज्य में रोजाना साढ़े दस हजार जांच की क्षमता है और स्वास्थ्य विभाग इस टारगेट को पूरा कर रही है. आज भी आरटीपीसीआर और ट्रुनेट से रोजाना साढ़े दस हजार जांच हो रहे हैं. उसके अलावा मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि जो जांच हमें बढ़ाना था, आज बिहार में जांच एक लाख के आंकड़े को भी पार कर गया है, पिछले 24 घंटे में 1,04,452 जांच हुए हैं."
उन्होंने कहा, " बिहार की आबादी लगभग 12 करोड़ है और आबादी के दृष्टिकोण से पूरे देश में सर्वाधिक जांच बिहार में हो रहा है, जो बिहार की जनता को राहत पहुंचा रहा है. इससे बिहार के गरीबों को राहत मिल रहा है, सुदूर गांवों में भी लोग आराम से जांच करा रहे हैं."
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, " नेता प्रतिपक्ष का कहना था कि मैंने आंकड़े को बढ़ा-चढ़ा कर बोला था, तो मैं उनकी जानकारी के लिए बता दूं कि रैपिड टेस्ट की शुरुआत ही 11 जुलाई से हुई है तो नेता प्रतिपक्ष को इसकी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए, इसका मतलब की 11 जुलाई से पहले जितने भी जांच हुए वो आरटीपीसीआर या ट्रूनेट से किए गए हैं. ज्यादा टेस्टिंग की आवश्यकता को देखते हुए रैपिड टेस्ट किया गया और परिणाम सामने है कि आज एक दिन में एक लाख से भी अधिक जांच हो रहे हैं."
उन्होंने कहा, " मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि आरटीपीसीआर और ट्रूनेट जांच के आंकड़े को प्रतिदिन 20 हजार से अधिक लेकर जाना है, इसकी भी कार्य योजना तैयार है. अभी तक राज्य में 16 मशीनों की मदद से आरटीपीसीआर जांच और 105 ट्रूनेट मशीनों की मदद से कोरोना जांच हो रहे हैं. आने वाले दिनों में भारत सरकार से 9 आरटीपीसीआर मशीन मिलने वाले हैं और बिहार सरकार 10 मशीनें और मंगा रही है. इस तरह कुल 19 आरटीपीसीआर मशीन बिहार आ रही है, जिन्हें यहां के मेडिकल कॉलेज में स्थापित किया जाना है, जिससे जांच की क्षमता में बढ़ोतरी होगी."
पीसी के दौरान उन्होंने मोबाइल पर एक वीडियो दिखाते हुए कहा, " तेजस्वी ने पहली बार ऐसा गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं दिया है, इन्होंने यह आदत बना ली है. गलत बोलना गलत सूचनाएं देना, गलत आंकड़े जारी कर देना. उन्होंने 7 जुलाई का एक वीडियो को दिखाया और कहा जिस दिन तेजस्वी ने बयान दिया उस दिन भी NMCH, ANMCH, JNUMCH भागलपुर ये तीन कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल पूर्व से ही काम कर रही थी और इन्होंने सात जुलाई को बयान दिया था कि बिहार में एक ही हॉस्पिटल है जो कि पानी में डूब जाता है जिसका नाम NMCH है, ये एकमात्र डेडिकेटेड हॉस्पिटल पूरे बिहार में है."
उन्होंने कहा, " कोरोना के शुरुआती दिनों में वो करीब डेढ़ महीने दिखाई नहीं दिए थे और कहां थे राज्य की जनता को आजतक नहीं बताया. जब इन्हें लगा कि हम बयानबाजी कर अपनी राजनीति वापस ला सकते है, तब ये अवतरित हुए थे. इसी समय में पिछले साल चमकी बुखार आया था, ये मरीजों को देखने तक नहीं गए थे और इस साल भी चमकी के मरीजों को देखने नहीं गए. मैं पिछले साल भी गया था और इस साल भी गया था और वहां एक बहुत बड़ा अस्पताल भी बनवाया है. इस वर्ष चमकी से केवल 14 बच्चों की मृत्यु हुई है. इस आंकड़े को इतना सीमित किया गया पर इन्हें तो फुर्सत ही नहीं थी. अगर इनको इतनी ही संवेदना थी, तो इन्हें अस्पताल जाना चाहिए था."
मंगल पांडेय ने कहा, " ये लगातार गैर जिम्मेदाराना बयान तो देते ही हैं, साथ ही ये कर्तव्य विमुख भी हैं. जो काम इन्हें करना चाहिए नहीं करते, केवल गलत आंकड़े प्रस्तुत कर झूठ फैलाते हैं और आपदा के इस कठिन समय में भी राजनीति करते हैं. जहां तक मुझे जानकारी है उनके घर में चिकित्सक भी हैं, उनकी बड़ी बहन ने डॉक्टरी की पढ़ाई की है, उनके बड़े भाई खुद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं तो उन्होंने जरूर अपने बड़े भाई से कुछ शिक्षा ली होगी. तो उनसे सीख कर ही कम से कम चिकित्सकिय क्षेत्र में बयान देते. लेकिन वे अपने बड़े भाई और बड़ी बहन से भी ये पूछना उचित नहीं समझते. अगर वो ऐसा करते तो ये भ्रम आज पैदा नहीं होता और भ्रामक बातें बाहर नहीं आती."
उन्होंने कहा," आप सभी लोग के माध्यम से राज्य की जनता को यह कहना चाहता हूं कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरी तरह से स्वास्थ्य सेवा देने के लिए तत्पर है. कोरोना की जांच से इलाज तक हर व्यवस्था का समुचित प्रयास जारी है. इसका परिणाम भी दिख रहा है, आज गांवों में भी निःशुल्क जांच हो रहा है. हर जगह आइसोलेशन सेंटर बने हैं, वहां रहने वाले लोगों से विभाग की ओर से लगातार हालचाल लिया जा रहा है. हर जिले के लिए टॉल-फ्री नम्बर दिए गए हैं. हम लगातार काम कर रहे हैं और नेता प्रतिपक्ष राजनीति कर रहे हैं मैं उनसे फिर कहूंगा कि इस आपदा के समय राजनीति ना करें, यथार्थ के साथ चलें और सत्य बोलें."
PHC पर डॉक्टर की उपलब्धि के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिहार में किसी भी एक PHC के बारे में आप बता दें जहां एक डॉक्टर भी ना हो हम तुरंत उसको संज्ञान में लेंगे. आप स्वास्थ्य उपकेन्द्र की बात कर रहे हैं तो वहां चिकित्सक की बहाली नहीं होती है, वहां ANM मरीजों को देखते हैं. बिहार में 120 प्राइवेट अस्पताल चिन्हित किए गए हैं और प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों को भी 50 लाख के बीमा का लाभ दिया जा रहा है.
ऐम्स के डॉक्टर के हड़ताल पर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, " हमारे अधिकारी वहां संपर्क में है और हम डॉक्टरों से अपील करते हैं वो बहुत ही मन से सेवा कर रहे हैं और आगे भी करें. उनकी जो कठिनाई है उसपर हम सबों का ध्यान है, हमारे अधिकारी उनके निदेशक के संपर्क में हैं.
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