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बिहार: डर की वजह से कोरोना जांच नहीं करा रहे ग्रामीण, टीकाकरण को लेकर भी कई भ्रांतियां
सरपंच ने कहा, " लोग बीमार होने पर बीमारी छिपाते हैं, ताकि सामाजिक परेशानी न झेलनी पड़े. राज्य और केंद्र सरकार द्वारा गाइडलाइन तो जारी कर दी गयी है, लेकिन सभी ग्रामीण छह किलोमीटर दूर मानपुर स्वास्थ्य केंद्र जाकर कोरोना जांच और वैक्सिनेशन कराए, यह सम्भव नहीं है."
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गया: कोरोना की दूसरी लहर में बिहार के गांव-गांव तक संक्रमण पहुंच चुका है. लोग संक्रमण की जद में आ रहे हैं. लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से न वो जांच करा रहे हैं और ना ही टीका ले रहे हैं. प्रदेश के गया जिले के मानपुर प्रखंड के शादीपुर पंचायत के रूपसपुर गांव की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है. ग्रामीणों में कोरोना का ऐसा खौफ है कि वे घरों से बाहर तक नहीं निकल रहे हैं. वहीं, कोरोना जांच और वैक्सिनेशन के प्रति भ्रांतियां ऐसी हैं, कि लोग दोनों ही कराने को तैयार नहीं हैं.
लॉकडाउन में पुलिस से हैं परेशान
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले साल जांच टीम गांव पहुंची थी, लेकिन इस बार कोई टीम नहीं आई है. उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर इस बार गांव को सैनिटाइज भी नहीं किया जा रहा है. वैक्सिनेशन या कोरोना जांच कराने के लिए बाहर जाना चाहते भी हैं, तो लॉकडाउन की वजह से पुलिस से परेशान हैं. बाहर निकलने में परेशानी है और गांव में स्वास्थ्यकर्मी आते नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि वैक्सीन कैसे लें, इसकी जानकारी नहीं है. कुछ युवाओं ने ऑनलाइन पंजीकरण भी कराया है, लेकिन गांव से 30 किलोमीटर दूर सेंटर दिया गया है. ऐसे में उतने दूर जाना संभव नहीं है. इधर, शादीपुर पंचायत की सरंपच डॉली कुमारी ने बताया कि ग्रामीणों में अभी भी डर और भ्रांतियां हैं. ग्रामीणों को ये डर है कि अगर कोरोना संक्रमित पाए गए तो क्या करेंगे?
बीमारी छिपा रहे हैं ग्रमीण
सरपंच ने कहा, " लोग बीमार होने पर बीमारी छिपाते हैं, ताकि सामाजिक परेशानी न झेलनी पड़े. राज्य और केंद्र सरकार द्वारा गाइडलाइन तो जारी कर दी गयी है, लेकिन सभी ग्रामीण छह किलोमीटर दूर मानपुर स्वास्थ्य केंद्र जाकर कोरोना जांच और वैक्सिनेशन कराए, यह सम्भव नहीं है. वहीं, लोगों में जानकारी की भी कमी है, ऐसे में अगर मेडिकल टीम गांव में ही आकर वैक्सीन दे तो काफी सहूलियत होगी.
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