Bihar Politics: विपक्षी एकता की बैठक से पहले क्या हो गया अपशकुन? जानिए सुशील कुमार मोदी ने क्यों कही ये बात
Opposition Unity Meeting: सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने वरिष्ठ दलित नेता मांझी को नौ माह बाद अपमानित कर मुख्यमंत्री पद से हटाया था. अब उनकी पार्टी को जेडीयू में विलय के लिए दबाव बनाया जा रहा था.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) 23 जून को विपक्षी दलों के नेताओं के साथ पटना में बैठक करने वाले हैं. इस बैठक को लेकर एक तरफ जहां बीजेपी शुरू से हमलावर है तो वहीं अब दूसरी ओर संतोष मांझी (Santosh Manjhi) के इस्तीफे को लेकर सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बड़ा हमला बोला है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जीतन राम मांझी का महागठबंधन से अलग होना विपक्षी एकता की पटना बैठक के लिए बड़ा अपशकुन है.
बुधवार (14 जून) को बयान जारी कर सुशील कुमार मोदी ने यह बातें कहीं. बीजेपी नेता ने कहा कि पहले बैठक की तारीख टली, फिर रोज कोई न कोई बड़ा नेता इससे दूरी बनाने लगा. नीतीश कुमार ने वरिष्ठ दलित नेता मांझी को नौ माह बाद अपमानित कर मुख्यमंत्री पद से हटाया था और अब उनकी पार्टी को जेडीयू में विलय के लिए दबाव बनाया जा रहा था.
'मांझी का किनारा करना साधारण घटना नहीं'
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति नीतीश कुमार के साथ नहीं रह सकता. आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बाद जीतन राम मांझी का किनारा करना साधारण घटना नहीं है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने के बाद पिछले नौ महीनों में एक भी बड़ा दल या नेता इससे नहीं जुड़ा.
केसीआर, नवीन पटनायक, मायावती, एचडी कुमारस्वामी और जगनमोहन रेड्डी का नाम लेते हुए सुशील मोदी ने कहा कि ये सभी नीतीश कुमार की विपक्षी एकता वाली मुहिम से पहले ही दूरी बना चुके हैं. अब उमर अब्दुल्ला ने भी पटना बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के निकाय चुनाव में जब टीएमसी के गुंडे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहे हैं, तब नीतीश कुमार वहां इन दो दलों में क्या एकता करा पाएंगे?
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Source: IOCL






















