Bihar Politics: बिहार में इस मुद्दे पर एक साथ हो गई JDU और RJD, तेजस्वी यादव की बात से तो यही लगता है
Tejashwi Yadav on BJP: तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है, लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है.

पटनाः बिहार में एक नए मुद्दे पर जेडीयू (JDU) और आरजेडी (RJD) फिर एक साथ दिख रही है. मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक ट्वीट किया. ट्वीट में उन्होंने बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा. तेजस्वी यादव ने ऐसे मुद्दे पर बात की जिस पर जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) बीते सोमवार को वो मुद्दा उठा चुके थे. दरअसल यह मुद्दा आर्मी बहाली को लेकर फॉर्म में पूछे गए जाति और धर्म को लेकर है.
'जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी'
तेजस्वी यादव ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा- "जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की संघ की बीजेपी सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है, लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है. ये जाति इसलिए पूछ रहे है क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन आरएसएस बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा."
जात न पूछो साधु की
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 19, 2022
लेकिन जात पूछो फौजी की
संघ की BJP सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है।
ये जाति इसलिए पूछ रहे है क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन RSS बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा। pic.twitter.com/31F1JDTd9J
उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस पर उठाया मुद्दा
आरजेडी और जेडीयू के साथ होने की बात हम इसलिए कर रहे हैं कि बीते सोमवार को उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस मामले में ट्वीट किया था. आज मंगलवार को भी एबीपी न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा कि सेना भर्ती में जाति और धर्म का कॉलम देखने के बाद मुझे भी इसका आश्चर्य हुआ. किसी भी व्यक्ति की जाति जानने की जरूरत तब पड़ती है जब उसके पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सरकार विशेष अवसर दे. सेना में तो ऐसा है नहीं. इस परिस्थिति में जाति जानने का क्या औचित्य हो सकता है? यह बात मुझे समझ नहीं आ रही है.
माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी,
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushJDU) July 18, 2022
सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए। pic.twitter.com/53S7Bf2tzH
उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि क्या सच और क्यों जाति के बारे में पूछा जा रहा है ये तो संबंधित अधिकारी हैं वो बताएंगे. हमने तो राजनाथ सिंह से भी आग्रह किया है कि इसके बारे में बताना चाहिए. सेना में जब आज की तारीख में ऐसी सुविधा है ही नहीं तो भर्ती में जाति पूछने का क्या मतलब है? इसके पीछे क्या मंशा है? जो लोग भर्ती होंगे वो देश की सेवा करेंगे. ऐसे में जाति पूछकर और धर्म पूछकर आखिर क्या दिखाना चाहते हैं?
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Source: IOCL





















