बिहार: 5 साल के मासूम के अपहरण मामले में 38 साल बाद फैसला, 2 बुजुर्गों को मिली ये कठोर सजा
Aurangabad News: औरंगाबाद कोर्ट ने अपहरण मामले में जिन दो आरोपियों को सजा सुनाई है वो 65 और 70 साल के बुजुर्ग हैं. ट्रायल के दौरान दोनों लंबी अवधि तक जेल में बंद रहे हैं.

Bihar News: औरंगाबाद के प्रधान जिला जज एवं जिला सत्र न्यायाधीश राजकुमार-1 ने गुरुवार (27 मार्च, 2025) को 38 साल पहले हुए एक अपहरण मामले में दो अभियुक्तों को सात साल जेल की सजा सुनाई है. यह मामला हसपुरा थाने की कांड संख्या-13/87 से जुड़ा हुआ है. लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि जिला जज ने हसपुरा के जैतपुर निवासी अभियुक्त अजय सिंह एवं विजय सिंह को धारा 364/34 के तहत सात साल की सजा सुनाई है. 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.
बताया कि जुर्माना नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. आगे जानकारी देते हुए लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले में आठ चश्मदीद गवाहों की गवाही हुई थी.
22 मार्च 2025 को ठहराया गया था दोषी
बता दें कि अपहरण के मामले में जैतपुर गांव के रहने वाले राजकुमार सिंह ने हसपुरा थाने में 16 फरवरी 1987 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप पत्र न्यायालय में 26 अप्रैल 1987 को प्रस्तुत किया गया था. अभियुक्तों पर आरोप का गठन 10 अगस्त 1989 को हुआ था. इस मामले में अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि दोनों अभियुक्तों को 22 मार्च 2025 को दोषी ठहराया गया था.
65 से 70 साल के बुजुर्ग हैं दोनों आरोपी
सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने कहा कि अभियुक्त 65 और 70 साल के बुजुर्ग हैं और यह अपराध उनका पहला अपराध था. इतना ही नहीं ट्रायल के दौरान दोनों लंबी अवधि तक जेल में बंद रहे हैं. ऐसी स्थिति में इनकी उम्र का ख्याल करते हुए इन्हें कम से कम सजा दी जाए. वहीं अभियोजन पक्ष ने कहा कि पांच वर्ष के लड़के के अपहरण के अपराध की गंभीरता को देखते हुए अधिकतम सजा सुनाई जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रधान जिला जज ने सजा सुनाई. सजा सुनने के बाद अभियुक्त के परिजनों में मायूसी छा गई.
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