Bihar Labours in Tajikistan: सीवान के कई मजदूर ताजिकिस्तान में फंसे, सरकार से वतन वापसी की लगा रहे गुहार
Siwan News: सीवान समेत बिहार के कई जिलों के सैकड़ों मजदूर वहां फंसे हैं. उनसे ओवरटाइम कराया जा रहा. परिजनों से बातचीत नहीं करने दे रहे. वतन वापसी के लिए मजदूर बिहार और केंद्र सरकार के गुहार लगा रहे.

सीवान: रोजी रोटी की तलाश में लगातार विदेश जा रहे भारतीय मजदूरों के फंसने की घटनाएं खूब सामने आ रही है. ऐसा ही मामला अब ताजिकिस्तान से सामने आया है. दर्जन भर भारतिय मजदूर कंपनी की मनमानी के कारण वहां फंसे हैं. वहां उनको खाने पीने के लिए लाले पड़े हैं. इसमें आधा दर्जन से अधिक युवक बिहार के रहने वाले है जिसमें से सीवान के कई कई मजदूर शामिल हैं. ये भारत आने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं.
लाखों रुपये एजेंट को देकर गए थे ताजिकिस्तान
भारत से रोजी रोटी की तलाश में ताजिकिस्तान गए दर्जनों मजदूर कंपनी की मनमानी के कारण फंस गए हैं. मजदूरों और उनके परिजनों का कहना है कि विदेश भेजने वाली दिल्ली की परी इंटरप्राइजेज ने लाखों रुपये लेकर वहां की टीजीएम कंपनी के लिए भेजा था. दिल्ली की परी एंटरप्राइजेज ताजिकिस्तान की टीजीएम कंपनी को मजदूरों के हित में काम करने वाली बता कर एक महीने पहले भेजा था.
मजदूरों के साथ की जा रही ज्यादती
एग्रीमेंट के अनुसार 11 घंटे ड्यूटी और खाने पीने की जिम्मेदारी कंपनी की थी, लेकिन वहां पहुंचने पर कंपनी मनमानी करने लगी. मजदूरों से 11 घंटे के बजाय 14 घंटे काम कराया जा रहा है. ओवरटाइम भी नहीं दिया जा रहा है. खाने पीने के भी लाले पड़े हैं. खाना के नाम पर सिर्फ उबला हुआ आलू और चावल के साथ-साथ पीने के लिए पहाड़ों से बहने वाला गंदा पानी दिया जा रहा. वह भी समय पर नहीं दिया जाता है जिसके कारण कई मजदूर मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार पड़ गए हैं. मजदूरों को न तो सिम दिया गया है और न ही उन्हें परिजनों से बात करने दिया जा रहा है.
वतन वापसी की लगा रहे गुहार
ताजिकिस्तान में फंसे भारतीय मजदूरों में आधा दर्जन से अधिक मजदूर बिहार से हैं. इनमें से सीवान के हरदिया बंगरा गांव के रमाकांत कुशवाहा, रमेश कुशवाहा, ओरमा गांव के ओमप्रकाश, तेलियाबाग गांव के मंटू सिंह, नवादा गांव के मोतिम अंसारी, दरौली के मोरवा गांव के नंद जी, वियही गांव के सुनील कुमार और गोपालगंज के भोरे कल्याणपुर के हरिकेश यादव सहित कई मजदूर शामिल हैं. सभी लोग अपनी वतन वापसी के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं.
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