![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
बिहार: गृह सचिव बोले- जनता के हित और सुरक्षा के लिए है पुलिस बिल, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
बिहार विधानसभा में हुई पुलिसिया कार्रवाई पर गृह सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि विधानसभा में अध्यक्ष द्वारा पुलिस बुलाई गई थी. विधानसभा अध्यक्ष अगर किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करेंगे, तो जरूर की जाएगी.
![बिहार: गृह सचिव बोले- जनता के हित और सुरक्षा के लिए है पुलिस बिल, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर Bihar: Home Secretary said - Police bill is for public interest and security, employment opportunities will increase ann बिहार: गृह सचिव बोले- जनता के हित और सुरक्षा के लिए है पुलिस बिल, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/03/26001919/Dgp.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पटना: बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बिल को लेकर जारी विवाद के बीच गुरुवार को बिहार के डीजीपी एसके सिंघल और गृह सचिव चैतन्य प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों ने बिहार सरकार के नए बिल को लेकर फैलायी जा रही कथित अफवाहों पर स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने बताया कि राज्य की महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों जैसे बोधगया और दरभंगा एयरपोर्ट पर सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएमपी की है. अब आने वाले दिनों में पटना मेट्रो बनने वाला है, ऐसे में उसकी सुरक्षा के लिए भी जवानों की जरूरत होगी.
बिहार के लोगों को मिलेंगे रोजगार के अवसर
उन्होंने बताया कि बीएमपी को ही विशेष सशस्त्र पुलिस बनाया जाएगा. उन्हें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तरह पावर दिए जाएंगे, जैसे कि वारंट के बिना गिरफ्तारी. यह मात्र जनता की सुरक्षा और हित के लिए बनाया गया पुलिस अधिनियम है. इससे सुरक्षा के साथ-साथ रोजगार भी बढ़ेगा. सुरक्षा के लिए 2010 में 23 कंपनियां कार्यरत थीं, लेकिन अब बिल के पास हो जाने से यहां के लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा.पीसी के दौरान कहा गया कि 2007 में जो पुलिस अधिनियम बनाया गया था, उसे थानों में तैनात पुलिस को सुदृढ़ करने के लिए बनाया गया था. वहीं, अभी जो बिल बनाया गया है, उसे पुलिस को सुदृढ़ और अच्छे से काम करने के लिए बनाया गया है. बिहार सैन्य पुलिस को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बनाने के पीछे कई कारण हैं. देश में इस तरह की बल विशेष सुरक्षा देती है. इसलिए आंतरिक तौर पर भी कड़े डिसप्लिन का प्रावधान किया गया है.
स्थानीय पुलिस को सौंपेंगे जांच की जिम्मेदारी
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस हर तरह से देश द्रोही और उग्रवादी से लड़ सके, इसलिए जहां पर इनकी तैनाती होगी, वहां बिना वारंट की तलाशी या गिरफ़्तारी होगी. गिरफ़्तारी या पूछताछ के बाद आगे की जांच स्थानीय पुलिस करेगी. इस एक्ट में ये साफ कहा गया है कि गिरफ्तारी के बाद बिना समय गंवाए मामला स्थानीय पुलिस को सौंप दिया जाएगा. विशेष सशस्त्र पुलिस को ये लिख कर देना होगा कि किन परिस्थिति में अमुक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है. इनकी तैनाती डीजी ,डीजी बीएमपी, एडीजी बीएमपी और कमांडेंट को रहेगी.
पीसी के दौरान बिहार विधानसभा में हुई पुलिसिया कार्रवाई पर गृह सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि विधानसभा में अध्यक्ष द्वारा पुलिस बुलाई गई थी. विधानसभा अध्यक्ष अगर किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करेंगे, तो जरूर की जाएगी.
विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर होगी कार्रवाई
गृह सचिव और डीजीपी ने कहा कि मार्शल की तैनाती होने के बावजूद पुलिस के अंदर जाने की वजह स्पीकर का निर्देश था. स्पीकर के निर्देश पर उनके सहयोग के लिए पुलिस अंदर गयी. अध्यक्ष महोदय के आदेश पर जो कार्रवाई करनी थी, वो की गयी. हालांकि, बदसलूकी की बात नहीं मानते हुए उन्होंने कहा कि अगर आगे सरकार जांच के आदेश देती है, तो वो भी तब जब स्पीकर का आदेश नहीं होगा, तब तक नहीं किया जाएगा.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)