Bihar Electricity: पटना में बिछेंगे अंडरग्राउंड बिजली केबल, आंधी-तूफान में भी नहीं कटेगी लाइट
Bihar Underground Clectric Cable: पटना शहर में बिजली की व्यवस्था और संरचना में सुधार किया जाएगा. नए सब-स्टेशन बनाए जाएंगे. इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा.

बिहार की राजधानी पटना में उलझे और घरों की छतों तक लटके हुए बिजली के तारों से अब छुटकारा मिलने वाला है. शहर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सरकार विभाग के साथ मिलकर मजबूत और आधुनिक करने जा रही है. पटना में दो सौ किलोमीटर से अधिक लंबी केबल भूमिगत बिछाई जाएगी.
24 महीने में काम पूरा करने का लक्षय
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते सोमवार को 328.52 करोड़ रुपये की लागत वाली बिजली आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण परियोजना का उद्घाटन किया. इसकी अवधि 24 महीने निर्धारित की गई है. इस परियोजना से आंधी-तूफान और बरसात के मौसम में भी बिजली आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी.
वहीं बिजली आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण परियोजना से लोड की बढ़ती मांग को पूरा करने की क्षमता भी बढ़ेगी. शहर में 568.22 करोड़ रुपये की लागत से 890 किलोमीटर से अधिक भूमिगत केबलिंग की जाएगी. पेसू क्षेत्र में लगभग 881 किलोमीटर कवर्ड वायर रिकंडक्टरिंग और स्काडा प्रणाली शुरू की जाएगी. स्काडा प्रणाली में निगरानी और नियंत्रण आसान हो जाता है.
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में प्रगति यात्रा के दौरान घोषणा की थी कि शहरी क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से बिजली के तारों को भूमिगत किया जाएगा. अब शहर के मुख्य डाकबंगला और बांकीपुर विद्युत आपूर्ति प्रमंडल के सभी इलाकों में भूमिगत केबल के जरिए बिजली आपूर्ति करने की योजना बनाई गई है.
आरडीएसएस योजना के तहत 292.54 करोड़ की लागत से यह काम पूरा होगा. 33 केवीए, 11 केवीए तक की एलटी लाइनें भूमिगत बिछाई जाएंगी. सड़क किनारे खुले में खंभे और तार लटकते नहीं दिखेंगे. आंधी-तूफान के दौरान भी निर्बाध बिजली आपूर्ति होगी. होर्डिंग और बैनर भी बिजली आपूर्ति में बाधा नहीं बनेंगे.
रिंग मेन यूनिट के माध्यम से खराब हिस्से को अलग करने और शेष क्षेत्र की आपूर्ति जल्द बहाल करने की सुविधा उपलब्ध होगी. फीडर की लंबाई कम होने से ट्रिपिंग और ब्रेकडाउन की समस्या कम होगी. मरम्मत का काम तेजी से हो सकेगा. इसके अलावा, वोल्टेज में उतार-चढ़ाव और बिजली के तारों से होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.
सुरक्षित हो जाएगी बिजली आपूर्ति
ऊर्जा सचिव ने बताया कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद पटना शहर की बिजली आपूर्ति पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हो जाएगी. भूमिगत विद्युत व्यवस्था होने से जहां फॉल्ट या ट्रिपिंग की संभावना काफी कम हो जाएगी. आपूर्ति बहाल करना भी आसान हो जाएगा. यह परियोजना शहर में बिजली को व्यस्था को दुरूस्त करने की दिशा में कारगर साबित होगी.
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Source: IOCL
























