Bihar Election Results: क्या बिहार में नीतीश कुमार को जिताने से ज्यादा तेजस्वी को हराने के लिए वोटिंग हुई?
Nitish vs Tejashwi: विशेषज्ञों के अनुसार, नीतीश कुमार के प्रति सहानुभूति और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने से रोकने की इच्छा ने एनडीए की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

Bihar Election Results: बिहार की जनता ने एनडीए की मंशा पूरी कर दी है. रुझानों में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिल गया है. यानी एनडीए ने महागठबंधन को पछाड़ दिया है. इस चुनाव में जेडीयू सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. इस बार चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ. ऐसी वोटिंग इससे पहले किसी चुनाव में नहीं देखी गई. पहले चरण में 69.04 फीसदी और दूसरे चरण में 68.76 फीसदी मतदान हुआ. यानी कुल मिलाकर इस चुनाव में मतदान प्रतिशत करीब 67 फीसदी रहा. ऐसे में सवाल है कि क्या राज्य में नीतीश कुमार को जिताने से ज्यादा तेजस्वी को हराने के लिए वोटिंग हुई?
नीतीश कुमार के लिए काम कर गया सिम्पैथी फैक्टर!
चुनावी विशेषज्ञों का मानना है, ''इस बार नीतीश कुमार के लिए सिम्पैथी फैक्टर काम कर गया. लोगों को लग रहा था कि ये नीतीश कुमार का आखिरी चुनाव है. अब वह आगे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. साथ ही ये सिम्पैथी फैक्टर कहीं ना कहीं राज्य के विकास को लेकर भी है. इस फेक्टर ने ऐसे वक्त काम किया, जब नीतीश की सेहत को लेकर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे थे. तेजस्वी बार-बार अपनी चुनावी रैलियों में बोल रहे थे कि चाचा का टाइम तो खत्म हो गया, उनकी तो सेहत खराब रहने लगी है.''
ना तेजस्वी मंजूर, ना बीजेपी का सीएम चेहरा!
विशेषज्ञों का यह भी मानना है, ''बिहार में एनडीए की जीत में दो अहम फैक्टर हैं. एक तो ये कि नीतीश कुमार अगर मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे तो कौन बनेगा? तेजस्वी को वह चाहते नहीं थे. वह यह भी नहीं चाहते थे कि बीजेपी जिस तरह से सीएम पद के लिए चेहरे उतारती रही है, ऐसा ही चेहरा बिहार में उतार दे. इसलिए सिम्पैथी फेक्टर नीतीश के पक्ष में गया. इसलिए रिकॉर्ड तोड़ मतदान जिताने से ज्यादा तेजस्वी को हराने के लिए हुआ कि तेजस्वी सीएम न बनने पाए.''
महिलाओं ने नीतीश को जिताया?
इस चुनाव में महिलाओं ने वोट करके रिकॉर्ड बना दिया. महिलाओं ने रिकॉर्ड 71 फीसदी मतदान किया. विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं का वोट पूरी तरह से नीतीश कुमार को गया है. बेशक उन्होंने महिलाओं को 10 हजार दिए. महिलाओं के साथ नीतीश ने अपना रेपो बनाया है. वह लंबे समय से सेक्यूलर पॉलिटिक्स कर रहे हैं. दूसरी बात यह है कि नीतीश कुमार से बड़ा लीडर अभी बिहार की राजनीति में कोई नहीं है. नीतीश को महिलाओं का वोट अगर मिला है तो ये बड़ी विक्ट्री होगी. 'टाइगर अभी जिंदा है' का जो पोस्टर लगा है, वो सही साबित होता नजर आ रहा है.
Source: IOCL






















