NDA में नहीं बनी बात तो बीजेपी सीएम फेस के लिए इन चेहरों में से किसी पर लगा सकती है दांव!
Bihar Election Result 2025: बिहार चुनाव 2025 में बीजेपी की जीत के बाद सीएम चेहरे को लेकर दुविधा बढ़ गई है. नित्यानंद राय, रेणु देवी और सम्राट चौधरी में से किसी को तय करना BJP के लिए चुनौती है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद बीजेपी को सीएम चेहरा चुनने को लेकर बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. एनडीए गठबंधन ने चुनाव में शानदार जीत हासिल की है, लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि मुख्यमंत्री का पद किसके हिस्से में आएगा. बीजेपी के भीतर तीन नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं नित्यानंद राय, रेणु देवी और सम्राट चौधरी.
बीजेपी के लिए अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि कौन सीमित कर सकेगा बिहार में पार्टी की छवि और एनडीए की सत्ता को मजबूती नित्यानंद राय, रेणु देवी या सम्राट चौधरी. निर्णय के बाद ही पता चलेगा कि बिहार का राजनीतिक पेंच किस दिशा में सुलझेगा.
इनमें से कौन बनेगा बिहार का नया सीएम
नित्यानंद राय बिहार के वरिष्ठ बीजेपी नेता हैं और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. उनकी राजनीति में लंबा अनुभव है और पार्टी में उनका गहरा प्रभाव माना जाता है. उन्हें प्रशासनिक अनुभव और चुनावी रणनीति का भी अच्छा ज्ञान है, जिससे वह बिहार में सत्ता संचालन के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं.
रेणु देवी वर्तमान में बिहार की राजनीति में तेजी से उभरती महिला नेता हैं. उनकी छवि संगठनात्मक क्षमता और जनसंपर्क में दक्ष नेता की है. उन्होंने महिलाओं और पिछड़े वर्गों के बीच मजबूत जनसमर्थन बनाया है. पार्टी में उनकी बढ़ती स्वीकार्यता ने उन्हें सीएम पद के संभावित दावेदारों में शामिल किया है.
सम्राट चौधरी उपमुख्यमंत्री और प्रभावशाली बीजेपी नेता हैं. उन्होंने बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा और आधुनिक दृष्टिकोण का परिचय दिया है. पार्टी के भीतर उनका जमीनी स्तर पर प्रभाव और संगठनात्मक कौशल उन्हें अन्य दावेदारों से अलग पहचान देता है. उनकी युवा छवि पार्टी को नया संदेश देने में सहायक मानी जा रही है.
सीएम चेहरे पर सहमति जुटाना बड़ी चुनौती
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि सीएम चेहरे के चुनाव में सत्ता संतुलन, जातीय समीकरण और चुनावी परिणामों का पूरा विश्लेषण किया जा रहा है. पार्टी के भीतर कई दलों और नेताओं की सहमति जुटाना भी एक चुनौती बनी हुई है. नित्यानंद राय, रेणु देवी और सम्राट चौधरी में से किसी एक को अंतिम निर्णय के तहत सीएम चेहरा बनाया जाएगा, जो अगले 5 वर्षों के लिए बिहार में सरकार चला सके.
सीएम चेहरे के लिए जल्दबाजी कहीं पड़ ना जाए महंगी
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी को इस निर्णय में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. सीएम का चुनाव केवल पद की बात नहीं, बल्कि गठबंधन में संतुलन, जनसमर्थन और आगामी चुनावों में रणनीतिक ताकत को भी प्रभावित करेगा. पार्टी के लिए यह समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि सीएम चेहरे के चयन से सरकार की स्थिरता और जनता का विश्वास तय होगा.
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Source: IOCL






















