बिहार: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा- राज्य में कोरोना का प्रकोप पीक पर पहुंचा, आगे क्या होगा कहना मुश्किल
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने दावा किया कि कोरोना मरीजों को सभी सुविधाएं दी जा रही हैं.
पटना: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार में कोरोना का प्रकोप पीक पर पहुंच चुका है, आगे क्या होगा इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है. मंगल पांडेय ने कहा कि सरकार कोरोना से निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने दावा किया कि कोरोना मरीजों को सभी सुविधाएं दी जा रही हैं. एबीपी न्यूज़ ने स्वास्थ्य मंत्री से कोरोना संकट को लेकर बातचीत की.
मंगल पांडेय ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी की है,जो भी हमारे कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल हैं या अन्य अस्पताल, जहां कोरोना के मरीजों को आइसोलेशन में रखा जा रहा है, वहां बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं. फिर भी कोई एक-दो समाचार, जिसकी चर्चा आप कर रहे हैं जानाकरी में आता है तो अतिशीघ्र उस सेंटर की पूरी निगरानी और व्यवस्था के संदर्भ में पूछताछ की जाती है, ताकि कहीं से कोई शिकायत आई भी है तो उसे तुरंत दूर किया जा सके. पूरे राज्य में अभी हमारे कोविड मरीजों के देख-रेख की बेहतर व्यवस्था की जा रही है.’’
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह ऐसा संक्रमण है जिससे कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है, हर व्यक्ति कोशिश करता है कि संक्रमण से बचें लेकिन फिर भी कोई किसी के क्लोज कॉन्टैक्ट में आ जाता है और संक्रमण फैल जाता है. हमारे डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ या सरकारी अधिकारी जो कोई भी पॉजिटिव हो रहे हैं, तो उन्हें आवश्यकता अनुसार उपचार भी दिया जा रहा है.
मंगल पांडेय ने कहा कि कई प्रमुख लोग हैं, जो होम आइसोलेशन में रहना चाहते हैं और ये गाइडलाइन भी है कि यदि कोई असिम्पटोमैटिक है तो वह घर में भी कुछ सावधानियों के साथ रह सकता है. इसके विषय में अखबारों में विज्ञापन भी निकाले जा रहे हैं, हमारे कॉल सेंटर के नंबर भी दिए जा रहे हैं. वहां डॉक्टर भी उपलब्ध हैं. यदि होम आइसोलेशन में रहने वाला कोई व्यक्ति चाहे तो वहां से भी सारी जानकारी ले सकते हैं और जिन लोगों को आइसोलेशन सेंटर या कोविड केयर हॉस्पिटल की सेवा की जरूरत है तो ऐसे लोगों को यह सेवा भी दी जा रही है. सामान्यतः देखा जा रहा है कि 10 दिनों में ही मरीज स्वास्थ्य हो रहे हैं. ऐसी बहुत बड़ी संख्या है. राज्य के अंदर जो पॉजिटिव मरीज हैं, वो होम आइसोलेशन में रह कर भी ठीक हुए हैं और जो अस्पताल में हैं और वहां से ठीक होकर जाते हैं, ऐसे मीरजों के आंकड़े प्रतिदिन जारी किए जाते हैं.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव किसी से न मिलते हैं और ना ही बात करते हैं. इस सवाल पर मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन हर सूचना आगे बढ़ कर मीडिया के सामने रखता है. विभाग के अधिकारियों के बीच काम बंटा हुआ है, कुछ को जांच व्यवस्था देखनी है तो कुछ को कोविड केयर हॉस्पिटल देखने हैं तो कुछ के जिम्मे आइसोलेशन है तो कुछ को ट्रेनिंग का काम है तो कुछ के जिम्मे पारा मेडिकल और डॉक्टर्स के डिप्लॉयमेंट का काम है. जिन अधिकारी के जिम्मे जो काम है वो सारे अधिकारी अपने काम को देखते हैं. अब आपने चर्चा की है तो उसपर मैं उनसे पूछताछ करूंगा.
यह पूछने पर कि बिहार में कोरोना पॉजिटिव केस के बढ़ने से पैनिक है स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शरू से ही ये कहा जा रहा है, मुख्यमंत्री जी ने भी कहा है और हम सभी लोगों ने भी बराबर कहा है कि पैनिक होने की जरूरत नहीं है. सतर्क और सचेत रहने की जरूरत है. प्रधानमंत्री जी ने भी आग्रह किया है कि इसके बचाव के जो भी उपाय हैं जैसे- मास्क या फिजिकल डिस्टेंसिग इसका ध्यान सभी लोग रखें ये बहुत जरूरी है. यदि हम सभी ऐसा करते हैं तो हम बीमारी से बच सकते हैं.
मंगल पांडेय ने कहा कि जहां तक बात है संख्या और आंकड़े की तो प्रतिदिन चार बजे स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हमारे सचिव लोकेश सिंह और सूचना विभाग के सचिव अनुपम जी द्वारा प्रेस ब्रीफिंग जारी होती है और एक-एक आंकड़े (जिसमें जिलावार आंकड़े भी शामिल हैं) दिए जाते हैं यदि इसके बाद भी किसी नेता को यह नहीं दिखाई देता है तो यह उनका दोष है, यदि वो सभी चीजों को पढ़ते हैं तो उन्हें सारी जानकारी रहेगी. बता दें तेजस्वी यादव ने कहा था कि आकंड़ों में हेरा फेरा की जा रही है.
जांच रिपोर्ट में देरी क्यों हो रही है इस सवाल पर स्वाथ्य मंत्री ने कहा की आपने देखा होगा कि हमारे जांच केंद्र पर जांच करने वाले कर्मी ही यदि संक्रमित हो जाते हैं तो ऐसे हालात में उस जांच केंद्र को हमें दो से तीन दिन के लिए बंद करना पड़ता है. पूरे सिस्टम को सेनेटाइज करना पड़ता है और फिर जांच शुरू होती है. ऐसा कुछ दिन पहले ही RMRI में दो बार हो गया, PMCH में हुआ और अन्य अस्पताल में भी इस तरह की स्थिति पैदा हुई तो स्वाभाविक है कि जब ऐसा अचानक से ब्रेक आता है तो जो जांच की समय अवधि दो से तीन दिन आगे बढ़ जाती है और रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन की देरी हो जाती है.
मंगल पांडेय ने कहा कि रिपोर्ट सभी को पूरे तथ्यों के साथ जाती है. जिनका टेस्ट निगेटिव होता है उन्हें निगेटिव रिपोर्ट जाती है और प्रतिदिन हम मीडिया को जो समाचार देते हैं वो उन रिपोर्ट के आधार पर ही देते हैं यदि वो रिपोर्ट सही नहीं होतीं तो हम मीडिया को कैसे बता सकते थे कि कितने निगेटिव और कितना पॉजिटिव हैं तो एक एक केस को यहां इकट्ठा किया जाता है. उन्होंने बताया कि राज्य के 50 से अधिक जांच केन्द्रों पर जांच जारी है तो हर जगह की रिपोर्ट को एक जगह इकट्ठा किया जाता है तब सारी सूचनाएं प्रेस रिलीज द्वारा दी जाती है.
स्वास्थ्य मंत्री ने तेजस्वी के आरोप पर कहा कि ऐसे व्यक्ति के बारे में क्या कहूं जिसे ये मालूम नहीं की बिहार में कितने कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल हैं. मेरे पास उनके बयान का वीडियो है अभी से चार से छः दिन पहले ही उन्होंने बयान दिया था कि बिहार में एक ही कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल है. यदि नेता प्रतिपक्ष को इतनी बातें मालूम नहीं है तो उनको भगवान सद्बुद्धि दे.
मंडल पांडेय ने कहा कि जो परिस्थिति है उसमें कल क्या होगा इसका आकलन कोई नहीं कर पा रहा है. कोविड 19 को लेकर पूरी दुनिया में जो समाचार देखने को मिला है वो एक ही मिला है कि किसी भी जगह पर वो एक पीक तक पहुंचा है और फिर वहां से कम होता हुआ दिखा है. अभी बिहार में जो हम देख रहे हैं, वह यह है कि केस अब पीक की ओर बढ़ रहे हैं, तो अभी ये अंदाज करना की इस पीक का टॉप प्वाइंट क्या होगा मुश्किल है. हम इस बात की तैयारी के साथ खड़े हैं कि कठिन से कठिन परिस्थिति में भी हम अपने लोगों को सारी स्वास्थ्य सुविधाएं देंगे.
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