9 साल पहले आज के ही दिन हुआ था कोहली का टेस्ट डेब्यू, 'फ्लॉप शो' के बाद बन गए बल्लेबाजी के बादशाह
विराट कोहली के साथ अभिनव मुकुंद और प्रवीण कुमार ने भी टेस्ट डेब्यू किया था, लेकिन सिर्फ कोहली ही अपने करियर को सफलता के साथ आगे ले जा पाए. आज कोहली 86 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और टीम के कप्तान हैं.
‘मॉर्निंग शोज द डे’. ये कहावत आम तौर पर सच ज़रूर हो सकती है लेकिन कभी-कभी ऐसा वक्त भी आया है, जब ये गलत भी साबित हुई. फिलहाल दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ के टेस्ट कैरियर की शुरुआत भी कुछ खास नही रही थी. 9 साल पहले आज ही के दिन विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर का आगाज़ किया था. साल 2011 में जमैका के किंग्स्टन में भारत बनाम वेस्टइंडीज सीरीज का पहला मुकाबला था, जिसमें भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया और फर्स्ट इनिंग्स में टीम इंडिया ने 246 रन बनाई थी.
दोनों पारियों में फ्लॉप रहे कोहली
इस मैच में तीन भारतीय क्रिकेटर का डेब्यू हुआ जिसमें विराट कोहली के साथ साथ अभिनव मुकुंद और प्रवीण कुमार भी थे. पहली पारी में विराट कोहली 10 गेंद खेलकर सिर्फ 4 रन ही बना पाए थे और तेज़ गेंदबाज़ फिडेल एडवर्ड्स ने उनको आउट किया था. भारतीय पारी के सिर्फ 85 रन 6 विकेट आउट होने के बाद भी टीम को हरभजन सिंह और सुरेश रैना ने 246 रनों तक पहुंचाया था. भज्जी ने 70 और रैना ने 82 रन बनाए थे.
वेस्टइंडीज की टीम पहली पारी में सिर्फ 173 रनों पर ऑल आउट हो गयी थी. प्रवीण कुमार और ईशांत शर्मा ने 3-3 विकेट लिए थे. दूसरी पारी में भारत के लिए दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने एक मैराथन इनिंग्स खेली थी. 274 गेंद खेलकर द्रविड़ ने 112 रन बनाए थे और टीम को 252 रनों तक ले गए.
दूसरी पारी में भी विराट कोहली कुछ खास नहीं कर पाए और एक बार फिर फिडेल एडवर्ड्स का शिकार बने थे. इस बार कोहली 54 गेंद खेलकर सिर्फ 15 रन ही बना पाए.
इसके बावजूद टीम इंडिया ने इस मैच में जीत हासिल की थी. वेस्टइंडीज की टीम जीत के लिए 326 रनों का पीछा करने उतरी थी, लेकिन वो सिर्फ 263 रनों पर सिमट गई. अपना पहला ही मैच खेल रहे प्रवीण कुमार एक बार फिर 3 विकेट ले गए. उनके साथ ईशांत शर्मा ने भी 3 विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई.
पहली पारी में 40 रन और दूसरी पारी में 112 रन बनाकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले राहुल द्रविड़ मैन ऑफ द मैच बने थे.
आज हैं बल्लेबाजी के बादशाह
इस तरह कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में अपना कैरियर शुरू किया था. उन्होंने इस फॉर्मेट में सेटल होने में समय ज़रूर लिया लेकिन जब रन बनाने लगे तो फिर उन्हें रोकने में दुनिया के सारे गेंदबाज़ जूझते दिखे.
आज 86 टेस्ट खेलने के बाद विराट लगभग 54 की औसत के साथ 7 हज़ार से ज़्यादा रन बना चुके है. उनके नाम 27 शतक हैं और बल्लेबाज़ी में उनकी बादशाहत पिछले कुछ सालों से कायम है.
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