Asia Cup में पाकिस्तान से मिली करारी शिकस्त के बाद BCCI सख्त, कोच-कप्तान से मांगा जाएगा जवाब
भारत को अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान से करारी शिकस्त मिली. बीसीसीआई ने इस हार को गंभीरता से लेते हुए हेड कोच ऋषिकेश कानिटकर और कप्तान आयुष म्हात्रे से सीधे बात करने का निर्णय लिया है.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अंडर-19 एशिया कप के फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान से मिली 191 रनों की शर्मनाक हार को गंभीरता से लिया है. पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहने वाली भारतीय टीम का इस तरह फाइनल में बिखर जाना बीसीसीआई के लिए चिंता का विषय बन गया है. सोमवार यानी 22 दिसंबर, 2025 को हुई ऑनलाइन एपेक्स काउंसिल की बैठक में ये निर्णय लिया गया है कि बीसीसीआई इस बार सिर्फ टीम मैनेजर की लिखित रिपोर्ट पर निर्भर नहीं रहेगी. अब बीसीसीआई ने हेड कोच ऋषिकेश कानिटकर और कप्तान आयुष म्हात्रे से सीधे बातचीत करने और फाइनल मुकाबले की प्रदर्शन पर सफाई मांगने का फैसला किया है.
फाइनल मुकाबले में बिखरी टीम इंडिया
अंडर-19 एशिया कप 2025 के फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान की टीम हर विभाग में टीम इंडिया पर भारी पड़ी. टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने समीर मिन्हाज की 172 रनों की शानदार पारी की बदौलत 347/8 का विशाल लक्ष्य खड़ा किया. इस चुनौतीपूर्ण टारगेट का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. टूर्नामेंट की शुरुआत में 171 रन बनाने वाले वैभवी सूर्यवंशी महज 26 रन बना सके, जबकि आईपीएल स्टार और कप्तान आयुष म्हात्रे मात्र 2 रन पर आउट हो गए थे. पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों ने सटीक लाइन-लेंथ के साथ गेंदबाजी करते हुए टीम इंडिया को महज 156 रनों पर ऑल आउट करके खिताब अपने नाम लिया.
सामान्य समीक्षा से हटकर बीसीसीआई की नई रणनीति
क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई का ये कड़ा रुख दर्शाता है कि वे भविष्य की चुनौतियों को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहते. आमतौर पर टूर्नामेंट के बाद बीसीसीआई को एक औपचारिक रिपोर्ट सौंपी जाती है, लेकिन कोच और कप्तान से सीधी चर्चा करने की योजना ये संकेत देती है कि बीसीसीआई हार के मूल कारणों की गहराई तक जाना चाहती है. इस बैठक में न केवल तकनीकी कमियों पर चर्चा होगी, बल्कि मैदान पर हुए उन क्षणों पर भी गौर किया जा सकता है जब भारतीय और पाकिस्तानी खिलाड़ियों के बीच तीखी बहस हुई थी. हालांकि, आचरण को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है, लेकिन बीसीसीआई अनुशासन और प्रदर्शन दोनों को प्राथमिकता दे रही है.
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