26/11 Mumbai Terror Attacks | क्यों लड़ा था Kasab का केस ? क्यों फाँसी देने में लगे 4 साल ? सुनिए कसाब के वकील Abbas Kazmi को |FYI
Episode Description
2008 Mumbai Terror Attacks को हुए आज पूरे 14 साल हो गए। ज़िन्दगी उन लोगों की भी बदली, जो इस हादसे का शिकार हुए तो एक और शक़्स की भी, वो जिन्होंने Kasab को Defend करने का केस लड़ा था। हाँ मैं बात कर रही हूँ कसाब के वकील रहे Abbas Kazmi की। जिनसे आज मैंने बात की. सुनिए सिर्फ ABP LIVE Podcasts पर। मैं मानसी हूँ आपके साथ और ये है FY।
मुंबई ताज हमला, Mumbai Terror Attacks, भारतीय इतिहास का वो काला दिन है जिसे कोई चाह कर भी नहीं भुला सकता। ये अटैक मुंबई के ताज होटल , नरीमन हाउस, छत्रपति शिवजी टर्मिनस , ट्रिडेंट होटल , लियोपोल्ट कैफे ,कामा हॉस्पिटल, विले पारले इलाके में हुए थे।
आतंकियों के हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा घायल हुए थे। मुंबई में उस शाम लोग बाजारों में खरीदारी कर रहे थे, जैसे-जैसे रात बढ़नी शुरू हुई, वैसे-वैसे मुंबई की सड़कों पर चीख-पुकार भी तेज होती चली गयी। उस रोज पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। 23 नवंबर को कराची से समुद्री रास्ते से एक नाव के जरिए ये आतंकी मुंबई पहुंचे थे। जिस नाव से आतंकी आए थे वह भी भारतीय थी और आतंकियों ने उस पर सवार चार भारतीयों को मौत के घाट उतारते हुए उस पर कब्जा किया था। पुलिस को रात के 09.30 बजे छत्रपति शिवाजी रेलवे टर्मिनल पर गोलीबारी की खबर मिली। बताया गया कि यहां रेलवे स्टेशन के मुख्य हॉल में दो हमलावरों ने अंधाधुंध गोलीबारी की है। 29 नवंबर की सुबह तक नौ हमलावर आतंकियों का सफाया हो चुका था और अजमल कसाब के तौर पर एक हमलावर पुलिस की गिरफ्त में था। इन हमलावरों में एक मोहम्मद अजमल कसाब था जिसे फांसी दी जा चुकी है। कसाब को एक वकील दिया गया था जिस ट्रायल के बाद ही उसे फांसी की सजा सुनाई गयी थी और उस वकील का नाम था अब्बास काज़मी। उनकी मुलाक़ात कसाब से ट्रायल के दौरान होती थी , आखिर उनके बीच क्या बातचीत हुई ? क्या सोच थी कसाब की ? कितनी मुश्किल हुई अब्बास काज़मी को कसाब के लिए वकालत करने में, सुनिए सब कुछ ABP LIVE PODCAST पर मानसी के साथ।
























