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महिलाओं पर कैसा असर डालता है स्टॉकिंग? जानें छुपी हुई बातें
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23 जनवरी, 1996 को दिल्ली यूनिवर्सिटी में कानून की तीसरे साल की छात्रा प्रियदर्शिनी मट्टू का उसके एक सीनियर ने बलात्कार करने के बाद हत्या कर दी थी. प्रियदर्शिनी ने पुलिस में शिकायत की थी कि उसका सीनियर संतोष सिंह कई दिनों से पीछा कर रहा था.
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इनमें से सिर्फ 66,887 मामलों को कोर्ट में ट्रायल के लिए भेजा गया था. जिनमें से 3,998 मामलो में फैसला आया था. इस मामले में कुल मिला कर सिर्फ 870 मामलों में सज़ा हुई थी. इस तरह सज़ा का प्रतिशत सिर्फ 24.3 प्रतिशत था. यानि कि 100 में से लगभग 76 मामलों में अपराधी आसानी से छूट जाते हैं.
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