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एक दिन में 2 हजार अंडे तक देती है रानी मधुमक्खी, जानिए क्यों होती है खास
मधुमक्खी काफी सामाजिक होती हैं. जिनकी एक रानी होती है और बाकी श्रमिक और छत्ते की देखभाल करने के लिए होती हैं.
एक मादा मधुमक्खी का श्रमिक या रानी बनेगी ये उसके आहार से निर्धारित होता है. बता दें कि मधुमक्खियों के लार्वा पराग और शहद के मिश्रण यानी बी-ब्रेड पर निर्भर रहते हैं.
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इसी से निर्धारित होता है कि वो आगे चलकर मेहनतकश मधुमक्खी बनेंगे या नहीं. इनका काम भोजन जुटाना और लार्वा को पालना-पोसना होता है.
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वहीं इसके उलट जो लार्वा रॉयल जेली खाते हैं उनमें प्रजनन क्षमता विकसित होती है और वो आगे चलकर रानी मधुमक्खी बन जाती है.
Published at : 13 Mar 2024 10:33 AM (IST)
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