एक्सप्लोरर
दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला एक्सपेरिमेंट, क्या वजह है जो पिछले 95 साल से यह चल रहा है!
आमतौर पर वैज्ञानिक जब कोई प्रयोग करते हैं तो वो किसी निष्कर्ष पर पहुंच कर उसे जल्द से जल्द खत्म करना चाहते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में एक प्रयोग 95 साल से लगातार चल रहा है. क्या है ये प्रयोग?
पिच ड्रॉप एक्सपेरिमेंट
1/5

यह दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला साइंस एक्सपेरिमेंट है, जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. इस एक्सपेरिमेंट का नाम 'पिच ड्रॉप' है. इसे 1927 में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में स्थित क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थॉमस पर्नेल ने शुरू किया था. 1 सितंबर 1948 को प्रोफेसर पर्नेल की तो मौत हो गई, लेकिन उनका ये प्रयोग आज भी चल रहा है.
2/5

इस प्रयोग में तार पिच नाम के तरल पदार्थ को एक फ्लास्क में रखा गया है और उसकी बूंदें गिरने के लिए छोड़ दी गई हैं. दरअसल, या एक अत्यधिक चिपचिपा तरल पदार्थ है जो दिखने में ठोस होता है, लेकिन असल लिक्विड होता है.
3/5

इस प्रयोग को करने के पीछे शोधकर्ताओं का मकसद यह जानना था कि आखिर तार पिच की एक बूंद को गिरने में कितना समय लगता है. जानकारी के अनुसार, 1927 से अब तक इसकी केवल नौ बूंदें ही गिरी हैं. लेकिन, किसी ने भी आज तक इसकी एक भी बूंद फ्लास्क से नीचे गिरते नहीं देखी है. एक बार इस एतिहासिक लम्हे को कैद करने के लिए वेब कैमरा भी लगाया गया, लेकिन आखिरी मौके पर कैमरा खराब हो गया.
4/5

तार पिच की पहली बूंद दिसंबर 1938 में फ्लास्क से नीचे गिरी थी. इसके बाद फरवरी 1947 में दूसरी बूंद, अप्रैल 1954 में तीसरी बूंद, मई 1962 में चौथी बूंद, अगस्त 1970 में पांचवीं बूंद, अप्रैल 1979 में छठी बूंद, जुलाई 1988 में सातवीं बूंद, नवंबर 2000 में आठवीं बूंद और नौवीं बूंद अप्रैल 2014 में गिरी थी.
5/5

माना जा रहा है कि अभी फ्लास्क में मौजूद तार पिच से इस प्रयोग को कम से कम 100 साल तक जारी रखा जा सकता है.
Published at : 13 Feb 2023 05:07 PM (IST)
और देखें























