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(Source: ECI | ABP NEWS)
Muharram 2025: शिया और सुन्नी समुदाय के लोग अलग-अलग तरीके से क्यों मनाते हैं मुहर्रम?
Muharram 2025: मुहर्रम का त्योहार पैगंबर मोहमम्द के नाती हजरत इमाम हुसैन के शहादत की याद में मनाया जाता है, जो कर्बला की जंग में मारे गए थे. इस साल मुहर्रम का 10वां दिन यानी आशूरा 6 जुलाई 2025 को है.
मुहर्रम 2025
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इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए मुहर्रम खास दिन होता है. हालांकि शिया और सुन्नी समुदाय के लोग इसे अलग-अलग तरीके से मनाते हैं. आइये जानते हैं इस साल कब है मुहर्रम और शिया और सुन्नी मुसलमान कैसे मनाते हैं इसे.
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मुहर्रम की दसवीं तारीख को आशूरा कहते हैं, जोकि सबसे खास होती है. इस साल यह दिन 6 जुलाई 2025 को है. दरअसल भारत में मुहर्रम-उल-हरम का पहला दिन 27 जून को था. ऐसे में 6 जुलाई को ही मुहर्रम मनाई जाएगी.
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आशूरा के दिन को शिया और सुन्नी समुदाय के लोग अलग-अलग तरीके से मनाते हैं. शिया लोग इस दिन तो मातम के रूप में मनाते हैं, विशेष रूप से काले रंग के कपड़े पहनते हैं और खुद को जख्म देते हुए जुलूस निकालते हैं.
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शिया समुदाय द्वारा मुहर्रम में ताजिया और अलम उठाए जाते हैं. कुछ जगहों पर तो लोग अपने सीने पर हाथ मार-मारकर मातमी जुलूस भी निकालते हैं, तो वहीं कुछ खुद को जंजीर से माकर तकलीफ महसूस कराते हैं.
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वहीं सुन्नी मुसलमान आशूरा के दिन रोजा रखते हैं, विशेष नमाज अदा करते हैं और कुरआन की तिलावत करते हैं. इस दिन रोजा रखने को सुन्नी मुसलमान महत्वपूर्ण पुण्य कार्य के रूप में देखते हैं.
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सुन्नी मुलसमान मुहर्रम के दिन खुद को किसी प्रकार से कष्ट नहीं देते. लेकिन फिर भी वे इमाम हुसैन की शहादत का सम्मान करते हैं. लेकिन इमाम हुसैन की शहादत के प्रति शोक और श्रद्धा जाहिर करने का इसका तरीका शिया समुदाय से अलग होता है.
Published at : 05 Jul 2025 06:18 PM (IST)
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