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Amalaki Ekadashi 2025: आमलकी एकादशी की पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां, इससे जुड़े नियम जान लें
Amalaki Ekadashi 2025: फाल्गुन शुक्ल की एकादशी को आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है. इस दिन एकादशी से जुड़े नियमों का पालन करें और कुछ गलतियों से बचें. तभी व्रत सफल होगा और विष्णुजी का आशीर्वाद मिलेगा.
आमलकी एकादशी 2025
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फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाएगा, जोकि इस साल 10 मार्च 2025 को पड़ रही है. इसे आवंला एकादशी और रंगभरी एकादशी जैसे नामों से भी जाना जाता है. यही कारण है कि इस एकादशी में भगवान विष्णु के साथ ही आंवला वृक्ष की भी पूजा करने का महत्व है.
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धार्मिक व पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु सृष्टि की रचना कर रहे थे, तभी आंवला का वृक्ष भी प्रकट हुआ था. इसलिए हिंदू धर्म में तुलसी, पीपल आदि की तरह आंवला को भी शुभ और सौभाग्य वाला वृक्ष माना जाता है. आइए जानते हैं आंवला एकादशी पर किन गलितयों से बचें और किन नियमों का पालन करें.
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आमलकी एकादशी पर भगवान श्रीहरि के साथ ही आंवला वृक्ष का पूजन भी जरूर करें. साथ ही आंवले से बनी चीजों का सेवन भी करें. लेकिन भूलकर भी मांस-मदिरा, प्याज-लहसुन, मसूर की दाल और चावल का सेवन न करें.
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आमलकी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा में उन्हें तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाएं. लेकिन एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचें. आप पूजा के लिए पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें.
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एकादशी व्रत रखने वाले व्रतधारियों को मन में किसी के प्रति भी बुरे ख्याल या विचार नहीं लाने चाहिए. साथ ही व्रत के दौरान वाद-विवाद और क्रोध भावना से भी दूर रहें.
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आमलकी एकादशी के दिन बाल या नाखून आदि काटने से बचें. जो लोग एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें इस दिन नहाते समय शैंपू या साबुन का उपयोग न करते हुए सिर्फ सादे पानी से स्नान करना चाहिए.
Published at : 04 Mar 2025 09:51 AM (IST)
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