Best Fighter Jet: किस देश के पास हैं दुनिया के तीन सबसे घातक फाइटर जेट, कीमत और फीचर्स चौंकाने वाले, जानें सब कुछ
2025 में दुनिया के सबसे खतरनाक फाइटर जेट में रूस का Su-57 सबसे ऊपर है. इसकी कीमत कम और क्षमताएं बेमिसाल हैं. F-35 और चीन का J-20 भी दुनिया के टॉप स्टेल्थ फाइटर जेट में शामिल हैं.

दुनिया के तमाम बड़े देशों के पास सैन्य शक्ति काफी ताकतवर है. चाहे वह अमेरिका, रूस, चीन और भारत हो. इनकी सैन्य शक्ति में फाइटर जेट काफी अहम भूमिका निभाते हैं. इस वजह से आज के वक्त में एक पावरफुल फाइटर जेट जरूरत बन गया है. ये ऐसे हथियार है, जो हवा में मौजूद होकर किसी भी ठिकाने को तबाह कर सकते हैं. इस बीच अगर हम दुनिया के तीन सबसे ताकतवर फाइटर जेट की बात करें तो उसमें सबसे पहले नंबर पर रूस का Su-57 आता है. दूसरे स्थान पर अमेरिका का F-35 और तीसरे पर चीन का J-20 ‘माइटी ड्रैगन’ है.
Aerotime की रिपोर्ट के मुताबिक ताजा फाइटर जेट रैंकिंग का चुनाव जेट की कीमत, मशीन की फुर्ती, लड़ाई में उपयोग और तकनीकी क्षमताओं के आधार पर तय किया गया है.
रूसी Su-57 की सबसे बड़ी ताकत
Aerotime की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी Su-57 की सबसे बड़ी ताकत इसका बेहद कम खर्च वाला निर्माण और इसकी आश्चर्यजनक फुर्ती है. लगभग 50 मिलियन डॉलर की कीमत के कारण इसे दुनिया का सबसे सस्ता 5Th जेनरेशन का फाइटर जेट माना जा रहा है. इसके इंजन का थ्रस्ट-वेक्टरिंग सिस्टम इसे तेज मोड़ लेने और हवा में जटिल गतियां करने में सक्षम बनाता है. स्टेल्थ तकनीक भले ही अमेरिकी विमानों के बराबर न हो, लेकिन सेंसर और हथियार प्रणाली इसकी कमी को काफी हद तक पूरा कर देते हैं. इसी संतुलन ने इसे 2025 का शीर्ष फाइटर बना दिया है.
अमेरिका का F-35
अमेरिका का F-35 इस सूची में दूसरे स्थान पर है. यह विमान दुनिया भर में सबसे ज्यादा देशों की तरफ से संचालित किया जा रहा है. इसकी असली खासियत इसकी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमता और सेंसर फ्यूज़न तकनीक है, जिसकी मदद से यह एक साथ कई मोर्चों पर काम कर सकता है—जासूसी, बमबारी, दुश्मन विमान से मुकाबला और इलेक्ट्रॉनिक हमला. हालांकि इसकी कीमत लगभग 109 मिलियन डॉलर है, लेकिन प्रदर्शन और भरोसेमंदी ने इसे दुनिया का सबसे सफल बहुउद्देशीय फाइटर बना दिया है.
चीन का J-20 माइटी ड्रैगन
तीसरे स्थान पर चीन का J-20 ‘माइटी ड्रैगन’ है. आकार में यह अन्य स्टेल्थ जेट से बड़ा है और इसकी लंबी दूरी की लड़ाकू क्षमता इसे अलग पहचान देती है. इसका डिजाइन खास तौर पर इस तरह बनाया गया है कि यह दुश्मन रडार में कम दिखाई दे और भारी मात्रा में हथियार ले जा सके. लगभग 24,000 पाउंड के पेलोड की क्षमता इसे अपनी श्रेणी में बेहद शक्तिशाली बनाती है.
रूस का पलड़ा भारी
इन तीनों विमानों की तुलना करने पर यह साफ दिखता है कि रूस का Su-57 अपनी कीमत और फुर्ती की वजह से आगे है, अमेरिका का F-35 आधुनिक तकनीक के कारण बेहद भरोसेमंद है, और चीन का J-20 लंबी दूरी की स्टेल्थ लड़ाई में बढ़त रखता है. 2025 की यह रैंकिंग बताती है कि अब लड़ाकू विमानों की दुनिया में सिर्फ स्टेल्थ ही नहीं, बल्कि लागत, तकनीक और बहुआयामी क्षमता भी निर्णायक भूमिका निभा रही है.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























