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4 MK-108 गन, 24 रॉकेट और 870KM की स्पीड... कैसा था दुनिया का पहला फाइटर जेट, जिसने अमेरिका और रूस को भी चौंका दिया 

दुनिया का पहला फाइटर जेट दूसरे वर्ल्ड वॉर के आखिरी चरण में सामने आया था. इसमें 4 गन और 24 रॉकेट फिट किए जा सकते थे. इसकी स्पीड 870 किमी/घंटा थी. इस फाइटर जेट ने अमेरिका और रूस को भी चौंका दिया था.

First Fighter Jet: दुनिया का पहला फाइटर जेट अमेरिका, रूस या फ्रांस ने नहीं बनाया था, बल्कि इसे तैयार किया था हिटलर की नाजी जर्मनी ने. दूसरे वर्ल्ड वॉर के आखिरी चरण में नाजी जर्मनी ने ऐसा लड़ाकू विमान दुनिया के सामने पेश किया, जिसने हवाई युद्ध की नींव रख दी. इस फाइटर जेट का नाम था- Messerschmitt Me 262.  

साल 1944 में इस फाइटर जेट ने वॉर में पहली बार हिस्सा लिया. इसका ऑपरेशन शुरू होते ही मित्र राष्ट्रों की सेनाएं चौंक उठीं. यह पहला ऑपरेशनल जेट- पॉवर्ड फाइटर एयरक्राफ्ट था. इसकी स्पीड और फायरिंग क्षमता ने इसे प्रभावशाली बना दिया. 

क्या थी जर्मनी के Me 262 की खासियत?

Me 262 में चार 30MM की MK-108 गन लगी थीं, जो दुश्मन के किसी भी प्लेन को तुरंत ध्वस्त कर देते थे. साथ ही इसमें 24 R4M एयर-टू-एयर रॉकेट भी फिट किए जा सकते थे, जो उस युग के लिए एक बेहद कुशल युद्ध तकनीक थी. यह विमान 540 मील प्रति घंटे (870 किमी प्रति घंटा) की स्पीड तक उड़ सकता था, जो उस समय मित्र राष्ट्रों के सबसे तेज पिस्टन इंजन फाइटर P-51 मस्टैंग से भी 100 मील प्रति घंटे तेज था. Me 262 37,500 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता था और इसकी स्पीड 3900 फीट प्रति मिनट थी. 

Me 262 ने बदल दिया युद्ध का तरीका 

Me 262 ने सिर्फ स्पीड और वेपन सिस्टम के कारण ही नहीं, बल्कि युद्ध रणनीति में लाए गए बदलावों के कारण भी इतिहास में अपनी जगह बनाई. यह फाइटर जेट इतनी तेजी से हमला करता था कि मित्र राष्ट्रों के पायलट रिएक्शन तक नहीं दे पाते थे. इसके आने से पहली बार यह अनुभव हुआ कि अत्याधुनिक तकनीक युद्ध की दिशा पलट सकती है. Me 262 ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब हवाई युद्ध में केवल संख्या नहीं, बल्कि तकनीकी श्रेष्ठता ही निर्णायक होगी.

कैसे जर्मनी ने डेवलेप किया Me 262 फाइटर जेट?

Me 262 के विकास में काफी समय और कठिनाई लगी. इसकी शुरुआत वर्ष 1938 में हुई, लेकिन कई तकनीकी समस्याओं और जर्मनी के युद्ध संसाधनों की सीमाओं के कारण इसे 1944 में जाकर पूर्ण रूप से ऑपरेशनल किया जा सका. इंजन (Junkers Jumo 004) की विश्वसनीयता, फ्यूल सप्लाई की कमी और रनवे की असुरक्षा जैसे कारणों से इसके प्रभाव को पूरी तरह युद्ध में नहीं झोंका जा सका. फिर भी यह एक बहुत बड़ा बदलाव था, जिसने भविष्य के लड़ाकू विमानों के डिजाइन को दिशा दी.

अब 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट बनकर तैयार

आज जो भी पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स हैं — जैसे अमेरिका का F-35 या रूस का Su-57. वे कहीं न कहीं Me 262 की विरासत को आगे ले जा रहे हैं. Me 262 ने दिखाया कि कैसे जेट तकनीक, उच्च गति, और शक्तिशाली हथियार प्रणाली मिलकर एक नए युग की शुरुआत कर सकते हैं.

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