Wagner Mutiny: 'जो भी मेरे रास्ते में आएगा उसको मेरे लड़ाके तबाह कर देंगे...' कौन है पुतिन का करीबी येवगेनी प्रिगोझिन जो अब बना मुसीबत
Yevgeny Prigozhin Profile: येवगेनी प्रिगोझिन पहले रूस की तरफ से लड़ रहे और अब उन्होंने रूस में ही तख़्तापलट करने की ठान ली है. येवगेनी के कदम को पुतिन ने बगावत करार दिया है.
Who Is Yevgeny Prigozhin: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. रूस की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ लड़ रही भाड़े की फौज के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin) अब रूस के खिलाफ ही तख़्तापलट करने की कोशिश कर रहे हैं. येवगेनी प्रिगोझिन ने रूस के सैन्य नेतृत्व के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी है. येवगेनी के कदम को पुतिन ने बगावत करार दिया है. चलिए आपको बताते हैं कौन हैं येवगेनी प्रिगोझिन.
वैगनर ग्रुप रूस की प्राइवेट आर्मी के मुखिया है. ऐसा समय भी रहा है कि वैगनर कभी रूसी राष्ट्रपति का सबसे भरोसेमंद आदमी था और अब उन्हीं के खिलाफ बगावत में उतर गया है. वैगनर ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक युद्ध में निजी वैगनर समूह की भागीदारी का नेतृत्व किया है. मॉस्को में वैगनर के साथ नेतृत्व का उसका इतिहास दशकों पुराना है.
'जो रास्ते में आएंगे उन्हें नष्ट कर देंगे'
टेलीग्राम पर पोस्ट की गई एक ऑडियो रिकॉर्डिंग में प्रिगोझिन ने कहा, "वैगनर लड़ाके दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव में घुस गए थे. उन्होंने कहा कि वह और उनके लोग उनके रास्ते में आने वाले किसी भी व्यक्ति को नष्ट कर देंगे." रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बिना कोई सबूत दिए प्रिगोझिन ने पहले कहा था कि रूस के सैन्य नेतृत्व ने हवाई हमले में बड़ी संख्या में उनके सैनिकों को मार डाला था और उन्हें दंडित करने की कसम खाई थी. उन्होंने कहा कि उनकी कार्रवाई कोई सैन्य तख्तापलट नहीं है.
वैगनर ग्रुप क्या है?
वैगनर ग्रुप उग्रवादी भाड़े के सैनिकों का एक संगठन है, जिसने यूक्रेन पर देश के आक्रमण के दौरान रूसी सेना के साथ काम किया है. वैगनर की प्रारंभिक उत्पत्ति 2014 में हुई प्रतीत होती है, जब क्रीमिया क्षेत्र को लेकर यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष छिड़ गया था. प्रिगोझिन ने सोशल मीडिया पर कहा कि वह लड़ाकों का एक समूह बनाना चाहते हैं जो क्षेत्र में रूसी हितों की रक्षा कर सके. यह ग्रुप लीबिया, सीरिया और कई अन्य अफ्रीकी देशों में संघर्षों से जुड़ा हुआ है.
शक्तिशाली लोगों से कैसे मिले प्रिगोझिन
बिजनेज टुडे के एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिगोझिन को 1981 में डकैती और हमले का दोषी ठहराया गया था और 12 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. अपनी रिहाई के बाद, प्रिगोझिन ने सेंट पीटर्सबर्ग में हॉट डॉग बेचने वाले स्टॉल खोले थे और वह शहर में महंगे-महंगे रेस्तरां खोलने में सफल रहे थे. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यहीं पर उनका सेंट पीटर्सबर्ग और फिर रूस के उच्च और शक्तिशाली लोगों के साथ घुलना-मिलना शुरू हुआ.
प्रिगोझिन कैसे बना पुतिन का शेफ
राष्ट्रपति बनने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने कथित तौर पर अपने विदेशी मेहमानों को एक रेस्तरां में ले जाना शुरू कर दिया. रिपोर्ट में कहा गया कि सालों बाद, प्रिगोझिन की कैटरिंग कंपनी कॉनकॉर्ड को क्रेमलिन में खाने की आपूर्ति करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया, जिससे बाद उन्हें 'पुतिन का शेफ' कहा जाने लगा.
ये भी पढ़ें: