तालिबान ने पाकिस्तान के दोस्त तुर्की का तोड़ा ‘सपना’! अफगानिस्तान छोड़ने का दिया आदेश
तालिबान ने तुर्की उस फैसले के खिलाफ चेताया है, जिसमें तुर्की की ये योजना थी कि वह अफगानिस्तान में कुछ सैनिकों को रखकर काबुल मेन एयरपोर्ट को विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद चलाना चाहता था.

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच आतंकी संगठन तालिबान ने तुर्की को चेतावनी दी है कि वह नाटो सदस्य देश होने के नाते अपने सैनिकों को वापस बुला ले. तालिबान की इस चेतावनी के बाद तुर्की के राष्ट्रपति सैयद तैयर एर्दोगन के मंसूबों को बड़ा झटका लगा है. तालिबान ने तुर्की उस फैसले के खिलाफ चेताया है, जिसमें तुर्की की ये योजना थी कि वह अफगानिस्तान में कुछ सैनिकों को रखकर काबुल मेन एयरपोर्ट को विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद चलाना चाहता था.
रॉयटर्स के मुताबिक, अंकारा ने नाटो सैनिकों की वापसी के बाद एयरपोर्ट को चलाने और उसकी रक्षा की पेशकश की थी और अमेरिका के साथ वित्तीय, राजनीति और अन्य लॉजिस्टिक मदद के लिए बात कर रहा था. तुर्की ने दोहराया है कि अफगानिस्तान में राजनयिक मिशनों को संरक्षित करने के लिए हवाई अड्डे को खुला रहना चाहिए, जहां मंगलवार को काबुल में एक विस्फोट हुआ और देश भर में झड़पें तेज हो गईं.
तुर्की की विमान योजना के बारे में तालिबान ने बयान जारी कर कहा- "अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात इस निंदनीय निर्णय की निंदा करते हैं." उसने कहा- “अगर तुर्की के अधिकारी अपने फैसले के पुनर्विचार पर विफल रहते हैं और हमारे देश पर कब्जा जारी रखते हैं तो इस्लामिक अमीरात को उनके खिलाफ स्टैंड लेना होगा.” आतंकी संगठन ने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा जो पूरे मामले में दखल देगा.
गौरतलब है कि तालिबान, जिसने साल 1996 से 2001 तक अफ़गानिस्तान पर कड़ा शासन किया, काबुल में पश्चिमी समर्थित सरकार को गिराने और इस्लामी शासन को फिर से लागू करने के लिए 20 वर्षों से संघर्ष कर रहा है. विदेश सैनिकों को सितंबर तक अफगानिस्तान से होने वाली वापसी के बीच तालिबान लगातार वहां के नए क्षेत्र पर अपना कब्जा जमाने में लगा हुआ है.
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Source: IOCL






















