(Source: ECI / CVoter)
पाकिस्तानः प्रधानमंत्री इमरान खान की विपक्षी सांसदों को चुनौती, संसद में आकर दें अविश्वास प्रस्ताव
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि, वह कभी भी देश को संकटों से बाहर निकालने के लिए एक राष्ट्रीय वार्ता आयोजित करने से पीछे नहीं हटे हैं. उन्होंने कहा कि, “संसद राजनीतिक संवादों के लिए सबसे अच्छी जगह है और मैं (संसद में) सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं. जब बहस होगी तो लोकतंत्र तभी काम करेगा.”
पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार संकट में आ गई है. दरअसल विपक्षी सांसदों द्वारा एक के बाद एक इस्तीफे दिए जा रहे हैं. बुधवार को दो सांसदों ने इस्तीफे देने की पहल की थी. 31 दिसंबर तक सभी विपक्षी सांसदों द्वारा इस्तीफा दिए जाने की बात सामने आ रही है. वही पाकिस्तान की राजनीति में मची इस ऊथलपुथल पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि किसी देश में लोकतंत्र तभी काम करता है जब विपक्ष और सरकार के बीच संवाद होता है.
विपक्ष विधानसभाओं में आकर बढ़ाएं अविश्वास प्रस्ताव
इमरान खान ने कहा कि, संविधान ने सरकार को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव पर मुहर लगाई और विपक्ष को ऐसा करने का साहस दिया. उन्होंने पाकिस्तान लोकतांत्रिक आंदोलन के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान द्वारा विधानसभाओं से इस्तीफा देने के आह्वान की आलोचना करते हुए कहा कि, “अगर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाना चाहता है, तो उन्हें विधानसभाओं में आकर ऐसा करना चाहिए.” उन्होंने एक तरह से विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उन्हें लगता है कि वो सरकार गिरा सकते हैं तो संसद में आकर अविश्वास प्रस्ताव देकर देख सकते हैं.
संसद राजनीतिक संवादों के लिए सबसे अच्छी जगह
बुधवार को मीडिया से बात करते हुए इमरान खान ने कहा कि, वह कभी भी देश को संकटों से बाहर निकालने के लिए एक राष्ट्रीय वार्ता आयोजित करने से पीछे नहीं हटे हैं. उन्होंने कहा कि, “संसद राजनीतिक संवादों के लिए सबसे अच्छी जगह है और मैं (संसद में) सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं.जब बहस होगी तो लोकतंत्र तभी काम करेगा.” वहीं विपक्षी सांसदों द्वारा इस्तीफे दिए जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, "यदि वे इस्तीफा सौंपते हैं, तो हम उन सीटों पर उपचुनाव करेंगे और अधिक मजबूत होकर उभरेंगे." वे आगे कहते हैं कि "मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि उनका ऐसा करने के पीछे क्या उद्देश्य है.
सरकार के लिए बड़ी चुनौती देश को संकट से बाहर निकालना है
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय सरकार के लिए बड़ी चुनौती देश को संकट से बाहर निकालना है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को हर क्षेत्र में `ऐतिहासिक 'घाटा विरासत में मिला था. इमरान खान आगे कहते हैं कि जब भी सरकार बातचीत की बात करती है, तो विपक्ष उनके नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बंद करने की मांग करने लगता है, जबकि कई विपक्षी नेताओं के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान मामले दर्ज किए गए. प्रधानमंत्री ने खुलासा किया कि "इशाक डार, नवाज शरीफ के बच्चे और उनके दामाद सभी पहले ही देश से भाग गए थे. उन्होंने दोहराया कि, “सरकार भ्रष्टाचार के मामलों को छोड़कर सभी मामलों पर विपक्ष के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है, जो अक्षम्य हैं, और राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश हैं.”
पीटीआई ने देश को दिवालियापन से बचाया वहीं सालों से पीटीआई के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धियों के बारे में पूछे जाने पर, पीएम इमरान खान ने कहा कि पीटीआई की सबसे बड़ी जीत देश को दिवालियापन से बचाने की है. प्रधानमंत्री ने कहा, "हम ऐतिहासिक रूप से कर्जे और भ्रष्टाचार के साथ हर क्षेत्र में घाटे का सामना कर रहे थे. पिछली सरकारों ने देश को बुरी हालत में लाक छोड़ दिया था. प्रधान मंत्री ने कहा कि देश को संकट से दूर रखना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती थी."
अपनी सरकार की उपलब्धियों का किया बखान
अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार के ठोस प्रयासों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था आखिरकार बेहतरी की दिशा में आगे बढ़ रही है.उन्होंने कहा, "पिछले एक दशक में, सत्ता में सरकारें केवल 6 बिलियन रुपये राजस्व ही प्राप्त कर सकीं जबकि हमने पंजाब से केवल 27 महीनों के भीतर 207 बिलियन रुपयों की वसूली की है."
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