Pakistan Earthquake: पाकिस्तान में महसूस हुए भूकंप के झटके, नींद से उठकर घर से बाहर भागे लोग
Earthquake in Pakistan: शुक्रवार को पाकिस्तान में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे लोग घबरा गए. भूकंप का केंद्र 135 किमी गहराई में था. अफगानिस्तान में भी झटके महसूस हुए.

पाकिस्तान में शुक्रवार (21 नवंबर) तड़के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे कई इलाकों में लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.2 रही और इसका केंद्र जमीन से लगभग 135 किलोमीटर की गहराई में था. राहत की बात यह है कि अब तक किसी तरह के नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है.
अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके
अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि पहला झटका रात 1.59 बजे अफगानिस्तान में 190 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज हुआ. इसके बाद दूसरा और ज्यादा तेज झटका सुबह 3.09 बजे पाकिस्तान में आया, जिसकी तीव्रता 5.2 थी.
भूकंप वैज्ञानिकों का कहना है कि कम गहराई में आने वाले भूकंप गहराई में आने वाले भूकंपों से ज्यादा खतरनाक होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कम गहराई वाले भूकंप की तरंगे बहुत तेजी से जमीन की सतह तक पहुंचती हैं. इससे जमीन जोर से हिलती है और इमारतों को ज्यादा नुकसान होने की संभावना रहती है. अफगानिस्तान, पाकिस्तान और उत्तर भारत का इलाका दुनिया के सबसे एक्टिव भूकंप जोन में आता है. यहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं, इसलिए इस क्षेत्र में हल्के और तेज दोनों तरह के भूकंप आते रहते हैं.
पाकिस्तान भूकंप के लिए क्यों संवेदनशील है?
पाकिस्तान कई बड़ी फॉल्ट लाइनों पर बना है. ऐसे में यहां भूकंप आने का खतरा हमेशा बना रहता है और इसका असर पड़ोसी देशों तक भी पहुंच जाता है. बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगिट-बाल्टिस्तान यूरेशियन प्लेट के दक्षिणी हिस्से में आते हैं, जबकि पंजाब और सिंध भारतीय प्लेट के उत्तर-पश्चिमी हिस्से पर स्थित हैं. इस कारण इन इलाकों में बार-बार भूकंप के झटके महसूस होते हैं.
बलूचिस्तान सबसे ज्यादा संवेदनशील
बलूचिस्तान सबसे ज्यादा संवेदनशील है क्योंकि यह अरेबियन और यूरेशियन प्लेट्स की एक्टिव बॉर्डर लाइन के नजदीक है. पंजाब में भी अपनी टेक्टोनिक स्थिति की वजह से समय-समय पर भूकंप के झटके आते रहते हैं. सिंध में खतरा थोड़ा कम है, लेकिन प्लेट के किनारे होने की वजह से यह क्षेत्र भी भूकंप के असर से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है.
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