तिल तिल कर मरने को मजबूर: रीढ़ की हड्डी और किडनी से बीमारी से जूझ रहा है आतंकी मसूद अजहर
मसूद अजहर जिसे 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के बाद भारत को रिहा करना पड़ा था. तब भारत की मजबूरी थी क्योंकि इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के 178 यात्रियों को सही सलामत आतंकियों के कब्जे से छुड़ाना था.

नई दिल्ली: जैश-ए- मोहम्मद का मुखिया और 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मसूद अज़हर पाकिस्तान में तिल तिल कर मरने को मजबूर होता जा रहा है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को गंभीर बीमारी की वजह से जान का खतरा बताया गया है.
मसूद अजहर रीढ़ की हड्डी और किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक मसूद अजहर को करीब डेढ़ साल तक बिस्तर पर ही रहना होगा. खुफिया सूत्रों ने बताया कि मसूद अजहर का इलाज रावलपिंडी के कम्बाइंड मिलिट्री ऑपरेशन में होगा.
जानकारी के मुताबिक अजहर ने अपने संगठन को अपने दो भाइयों रऊफ असगर और अतहर इब्राहिम के बीच बांट दिया है. अजहर का भाई रऊफ असगर जम्मू कश्मीर क्षेत्र में आतंकी ऑपरेशन को अंजाम देने का काम करता है.
कौन है मसूद अजहर? जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर जिसे 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के बाद भारत को रिहा करना पड़ा था. तब भारत की मजबूरी थी क्योंकि इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के 178 यात्रियों को सही सलामत आतंकियों के कब्जे से छुड़ाना था.
मसूद अजहर छूट गया लेकिन उसके बाद मसूद अजहर ने भारत के खिलाफ जो जंग छेड़ी वो आज तक खत्म नहीं हुई है. भारत के चंगुल से छूटते ही मसूद ने जैश-ए-मोहम्मद बनाया औऱ फिर भारत के खिलाफ जहर और जंग का एलान कर दिया. छूटने के दो साल में ही मसूद अजहर ने 2001 में संसद पर हमला करके एहसास कराया कि उसे छोड़ना कितनी बड़ी भूल थी.
संसद हमले के बाद मसूद ने इसी साल भारत के खिलाफ नए सिरे से आतंकी हमले को अंजाम देना शुरू किया. पठानकोट एयरबेस पर हमला मसूद के आतंकियों ने किया. 7 महीने के बाद फिर मसूद ने उरी में सेना मुख्यालय पर हमला करके खुद को भारत का दुश्मन नंबर एक साबित कर दिया है.
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