अमेरिका-चीन के बाद अब ये देश 2050 तक बनेगा सुपरपावर, ब्रिटेन के पूर्व PM ने भारत या पाकिस्तान किसका लिया नाम
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने एक समारोह में भारत को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है. टोनी ब्लेयर ने उन तीन देशों का नाम बताया है जो उनके मुताबिक 2050 में दुनिया की बड़ी महाशक्ति होगी.
Superpowers In 2050 : अगर हम आज के समय में दुनिया के सुपरपावर देशों की बात करते हैं, तो हमारे जहन में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और भारत जैसे देशों का नाम आता है. लेकिन जिस हिसाब से देशों में आर्थिक और राजनितिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं, उस हिसाब से ये बता पाना थोड़ा मुश्किल है कि लंबे समय तक कौन-से देश सुपरपावर बने रहेंगे. अब इसको लेकर ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने एक समारोह बयान दिया है. ब्लेयर ने कहा है कि 2050 तक दुनिया में केवल तीन महाशक्तियां ही होंगी. ब्लेयर के मुताबिक वो तीन महाशक्तियां अमेरिका, चीन और संभवत: भारत हैं.
अमेरिकी थिंक टैंक मिल्केन इंस्टीट्यूट की एनुवल समिट में पहुंचे टोनी ब्लेयर ने आगे कहा कि बाकि देशों को इन तीनों देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाकर रखने होंगे, क्योंकि यही तीनों देश सबकुछ तय करने वाले हैं.
'भारत बन जाएगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था'
भारत पर बात करते हुए टोनी ब्लेयर ने कहा कि, वर्ल्ड इकोनॉमी फोरम, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड का भी अनुमान है कि इस दशक के अंत तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. देखा जाए तो भारत पिछले कुछ समय से हर सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रहा है, फिर चाहे वो स्पेस साइंस हो, डिफेंस हो, या फिर अर्थव्यवस्था. दुनिया की कई बढ़े संस्थान भारत के काम का डंका मान चुके हैं. इसके अलावा भारत का अमेरिका और रूस दोनों से ही काफी अच्छे रिश्ते हैं.
अमेरिका-चीन में जारी है जंग
टोनी ब्लेयर ने सुपरपावर देशों को लेकर कहा कि भारत से आगे सिर्फ अमेरिका और चीन होंगे. दोनों ही देश एक दूसरे को नीचा दिखाने का एक भी मौका नहीं छोड़ते हैं. दोनों के बीच जियोपॉलिटिकल राइवेलरी अपने चरम पर हैं. इकोनॉमिक और इंडस्ट्रियल पॉलिसी को लेकर भी दोनों देशों में कई मतभेद हैं. इसी वजह से अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर कई गुना टैरिफ लगा दिया है. इसके अलावा एडवांस सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी को चीन जाने से रोक दिया है.
टोनी ब्लेयर ने वेस्ट की पॉलिसी को लेकर अमेरिका को फटकार लगाई है. ब्लेयर ने कहा है कि वेस्ट की पॉलिसी में बड़ी दिक्कत है, उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि अफ़गानिस्तान से बाहर जाने के बाद क्या हुआ? हमने तालिबान को फिर से सत्ता में ला दिया. आखिर उन्हें रोकने के लिए ही तो हमने जंग की थी.
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