अमेरिका ने चीन पर लगाया 100% टैरिफ, क्या ट्रंप के फैसले से भारत को होगा फायदा, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
अमेरिका-चीन तनाव से भारत को लाभ मिल सकता है. अमेरिकी बाजार में चीनी वस्तुएं महंगी होने से भारतीय निर्यातकों के लिए अवसर बढ़ेंगे, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और वस्त्र निर्यात में.

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव का फायदा भारतीय निर्यातक उठा सकते हैं. अमेरिका ने चीन से आने वाली कई वस्तुओं पर नए और उच्च टैरिफ यानी आयात शुल्क लगाए हैं, जिससे चीन के उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे. इस वजह से अमेरिकी कंपनियों और खरीदारों की मांग अब चीन के बजाय भारत की ओर बढ़ सकती है.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा कि यह भारतीय निर्यातकों के लिए एक अच्छा अवसर है. उन्होंने बताया कि भारत पहले ही अमेरिका को कई तरह की वस्तुएं निर्यात करता है और अब इस स्थिति का फायदा उठाकर निर्यात बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही यह भारतीय कंपनियों को अमेरिकी बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धा करने और नए खरीदार बनाने का मौका देगा,
अमेरिका द्वारा चीनी वस्तुओं पर टैरिफ लगाने से मांग भारत की ओर बढ़ सकती है. 2024–25 में भारत ने अमेरिका को 86 बिलियन डॉलर के सामान का निर्यात किया था. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के अध्यक्ष रल्हान ने इसको लेकर कहा, "हम इस बढ़ते तनाव से लाभ उठा सकते हैं."
अमेरिका ने चीन पर लगाया 100% टैरिफ
अमेरिका ने शुक्रवार (10 अक्टूबर) को चीन से आने वाली वस्तुओं पर 1 नवंबर से अतिरिक्त 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. इसके साथ ही चीनी आयात पर कुल शुल्क लगभग 130% तक पहुंच जाएगा. यह कदम बीजिंग द्वारा 9 अक्टूबर को रेयर अर्थ (Rare Earth) के निर्यात पर कड़े नियंत्रण लगाने के बाद उठाया गया. रेयर अर्थ अमेरिका की रक्षा, इलेक्ट्रिक वाहन और क्लीन एनर्जी उद्योगों के लिए बेहद जरूरी हैं.
वर्तमान में अमेरिका भारतीय वस्तुओं पर 50% शुल्क लगाता है, जिसमें 25% अतिरिक्त टैरिफ शामिल है. एससी रल्हान ने कहा, "अब चीनी वस्तुओं पर 100% अतिरिक्त टैरिफ से हमें लाभ मिलेगा. इससे अमेरिकी बाजार में भारत के लिए बड़ी अवसर खुलेंगे."
वहीं एक और एक्सपर्ट ने बताया कि इस टैरिफ से अमेरिकी बाजार में चीनी वस्तुएं महंगी हो जाएंगी और उनकी कंपटीशन कम होगी. खिलौनों के निर्यातक मनु गुप्ता भी मानते हैं कि यह बदलाव भारतीय व्यवसायों को नए खरीदारों को आकर्षित करने में मदद करेगा. उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए लाभकारी होगा. हाई टैरिफ से समान प्रतिस्पर्धा का मैदान मिलेगा." उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिकी रिटेल दिग्गज टार्गेट ने नए उत्पादों के लिए उनसे संपर्क किया है.
थिंक टैंक GTRI ने बताया कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता व्यापार विवाद इलेक्ट्रिक वाहन, विंड टर्बाइन और सेमीकंडक्टर पार्ट्स की वैश्विक कीमतें बढ़ा सकता है. इसके अलावा, अमेरिका इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र, फुटवियर, व्हाइट गुड्स और सोलर पैनलों के लिए चीन पर बहुत निर्भर है.
अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार
2024–25 में अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा. द्विपक्षीय व्यापार 131.84 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, जिसमें 86.5 बिलियन डॉलर का निर्यात शामिल था. अमेरिका भारत के कुल वस्तु निर्यात का लगभग 18%, आयात का 6.22% और कुल व्यापार का 10.73% हिस्सा है. वर्तमान में भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें-
Source: IOCL
























