Imran Khan Toshakhana Case: इमरान खान अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तारी के बाद अब तोशाखाना केस में भी दोषी करार
Imran Khan Cases: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं. उन्हें पहले अल कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट स्कैम केस में अरेस्ट किया गया, अब एक और मामले में दोषी ठहराए गए हैं
Imran Khan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चीफ इमरान खान (Imran Khan) अल कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट स्कैम केस में गिरफ्तारी के एक दिन बाद अब एक और मामले में दोषी करार दिए गए हैं. इमरान के खिलाफ यह मामला है- तोशाखाना केस (Toshakhana Case).
इमरान खान कई महीने से तोशाखाना केस के कारण चर्चा में थे. वो इस केस में बतौर आरोपी कई बार सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश हुए. उनके खिलाफ गिरफ्तारी की नौबत भी आ गई थी, लेकिन समर्थकों के भारी विरोध के कारण तब पाकिस्तानी पुलिस इमरान को अरेस्ट नहीं कर पाई थी.
पाकिस्तान में क्या है तोशाखाना का मामला?
बता दें कि पाकिस्तान में तोशाखाना एक ऐसी जगह होती है जहां पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कैबिनेट मंत्री, सरकारी अधिकारियो को अपनी विदेश यात्राओं के दौरान तोहफ़े में मिलने वाली चीजों (उपहारों) को रखा जाता है. पाकिस्तान में तोशाखाना की स्थापना 1974 के साल में की गई थी. ये कैबिनेट डिविजन के नियंत्रण में रहा. पाकिस्तान में तोशाखाना से जुड़ा एक कानून है, जो वहां के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सेनेट के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन, नेशनल असेंबली के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, संसद के सदस्य, सरकारी अधिकारी और स्वायत्त और अर्ध-स्वायत्त संस्थाओं के कर्मचारी इन सभी पर लागू होता है. भले ही ये लोग छुट्टी पर हों या ड्यूटी पर, इन्हें तोशाखाना कानून को मानने के लिए बाध्य हैं. नियम के अनुसार, विदेशी दौरों पर मिलने वाला गिफ़्ट (उपहार) अगर एक तय कीमत से अधिक का हो तो उसे तोशाखाना में जमा कराना होता है.
आरोप- इस तरह इमरान ने कमाई थी मोटी रकम
पाकिस्तान में तोशाखाना से जुड़ा एक और प्रावधान भी है. अगर कोई गिफ़्ट को अपने पास रखना चाहे तो उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ती है. इसके लिए एक कमेटी बनी हुई है. वही बाज़ार की दर से गिफ़्ट (उपहार) की कीमत तय करती है. अब इमरान इस मामले में दोषी इसलिए ठहराए गए हैं क्योंकि उन्होंने कई महंगे उपहारों को तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया था और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया था. इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में उपहारों को तोशखाने से खरीदा था और उन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. इन उपहारों में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में अल क़ादिर ट्रस्ट का मामला क्या है?