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इमरान खान के भ्रष्टाचार और भारत को बार-बार जंग की धमकी, जानिए इसके पीछे का क्या है कनेक्शन 

इमरान खान ने अपनी राजनीति को चमकाने के भारत विरोधी लहर का पूरा फायदा उठाया है. वह कई बार भारत के खिलाफ जहर उगलते नजर आते रहे है. लेकिन आज वही इमरान भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं. 

पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर पूरे पाकिस्तान में बवाल जारी है. कई जगहों से आगजनी और तोड़फोड़ की खबर सामने आ रही है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत सहित कई राज्यों में माहौल को देखते हुए स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. इस्लामाबाद पुलिस के अनुसार इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया है. 

प्रधानमंत्री के तीन साल के कार्यकाल के दौरान इमरान खान ने अपनी राजनीति को चमकाने के भारत विरोधी लहर का पूरा फायदा उठाया. वह अपने कार्यकाल के दौरान कई बार भारत के खिलाफ जहर उगलते नजर आते रहे. इमरान ने कई बार अपने भाषण के दौरान पड़ोसी मुल्क भारत पर निशाना साधते हुए भारत को दुश्मन और खुद को देशभक्त के तौर पर पेश किया था.

पाकिस्तान की जनता भारत को लेकर इमरान के इस रवैये को पसंद भी करती थी और उन्हें एक मजबूत लीडर समझती रही, लेकिन आज वही इमरान अपने देश को आर्थिक रूप से खोखला करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं. 

पीएम रहने के दौरान इमरान का भारत से रिश्ता 

साल 2019 के 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते अचानक बिगड़ते चले गए. इसके बाद भारत ने दो बार पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक भी की. साल 2019 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार एक बार फिर सत्ता में आई और भारत ने 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया और राज्य का दर्जा भी छीन लिया.

भारत सरकार के इस कदम से बाद पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने भारत के खिलाफ अलग-अलग मंचों से कई भड़काऊ भाषण दिए. इमरान खान ने परमाणु युद्ध तक की धमकी दे डाली. 

इमरान खान ने कब-कब भारत को लेकर दिया भड़काऊ भाषण

1. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के भारत सरकार के फैसले से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान बुरी तरह बौखला गए थे. उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा था, 'भारतीय कब्जे वाली ताकतों द्वारा IOJK की लगातार घेराबंदी के बारे में दुनिया को संदेश देने के लिए, और कश्मीरियों को यह दिखाने के लिए कि पाकिस्तान उनके साथ बिल्कुल खड़ा है, मुजफ्फराबाद में एक बड़ा जलसा करने जा रहा हूं.' उन्होंने उस दौरान गुलाम कश्मीर से पाकिस्तान के युवाओं को घुसपैठ करने के लिए भी उकसाया था. 

2. साल 2021 में ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ को दिए एक इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा कि था कि वह भारत के साथ तब तक अच्छे रिश्ते नहीं रख सकते जब तक यहां बीजेपी की सरकार रहेगी. इमरान ने कहा था कि हम दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध चाहते हैं. हम नहीं चाहते कि एक बार फिर शीत युद्ध जैसी स्थिति बने. 

3. 2020 के सितंबर महीने में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 75वें सत्र के दौरान इमरान खान ने आरएसएस को लेकर विवादित बयान दे दिया. उन्होंने कहा, 'आरएसएस के संस्थापक सदस्य नाज़ियों से प्रेरित हैं और वो नस्लीय शुद्धता और वर्चस्व जैसी अवधारणाओं को मानते हैं. नाज़ियों की नफरत यहूदियों के लिए थी और आरएसएस की मुसलमानों और कुछ हद तक ईसाइयों के लिए है. वो मानते हैं कि भारत सिर्फ हिंदुओं का देश है और बाक़ी समान नागरिक नहीं हैं. गांधी और नेहरू की धर्मनिरपेक्षता की जगह हिंदू राष्ट्र बनाने के सपने ने ले ली है. '

4. पाकिस्तानी खिलाड़ी को आईपीएल में खेलने का मौका नहीं मिलने पर 1 अप्रैल 2023 को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत को अहंकारी बता दिया. इमरान ने टाइम्स रेडियो से कहा, 'अगर भारत पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने की अनुमति नहीं देता है, तो पाकिस्तान को इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हमारे पास शानदार युवा क्रिकेटर हैं.'

5. जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाये जाने के बाद कश्मीर को लेकर इमरान खान ने परमाणु हथियारों का खौफ दिखाने की कोशिश करते हुए कहा था कि समूची दुनिया को इसके नतीजे भुगतने होंगे. अब यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हाथ में है. इमरान ने कहा कि पाकिस्‍तान किसी भी हद तक जा सकता है.

क्या है अल क़ादिर ट्रस्ट मामला जो बन गया इमरान की गिरफ्तारी की वजह

पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ के अनुसार अल कादिर ट्रस्ट घोटाला 50 अरब रुपये से ज्यादा का है. और इस पैसे का सीधा फायदा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान, पत्नी बुशरा बीबी और बुशरा की दोस्त फराह गोगी ने उठाया.

ये मामला पाकिस्तान की यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ है. जिसमें इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए गैरकानूनी तरीके से इस यूनिवर्सिटी के लिए अरबों रुपये की जमीन हासिल की

बता दें कि वर्तमान में इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और दूसरे पीटीआई नेता भ्रष्टाचार के एक मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) की जांच का सामना कर रहे हैं. दरअसल इमरान, बुशरा बीबी, जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान ने 'अल-कादिर' नाम से एक ट्रस्ट बनाया था. इस ट्रस्ट का उद्देश्य पंजाब के झेलम जिले में अल-कादिर यूनिवर्सिटी की स्थापना करना था.

बीते साल जब पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सत्ता आई तो उन्होंने जून के महीने में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी पर आरोप लगाया गया कि इमरान और बुशरा ने एक रियल एस्टेट कंपनी से 50 अरब रुपये की काले धन को सफेद बनाकर लाई और इसे कानूनी हैसियत देने के लिए अपने ट्रस्ट के लिए अरबों रुपये की जमीन दान में हासिल की.

इस पूरे मामले का खुलासा पाकिस्तान की सबसे अमीर बिजनेस टायकून मलिक रियाज ने किया था. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ने मलिक रियाज से ही ये जमीन ली थी. रियाज ने इमरान पर आरोप लगाया था कि वे और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे अरबों रुपये की जमीन अपने नाम करा ली. 

बाद में पाकिस्तानी मीडिया ने भी खुलासा किया कि इस ट्रस्ट को 180 मिलियन पाकिस्तानी रुपए मिले थे लेकिन रिकॉर्ड में सिर्फ 8.52 मिलियन रुपए का खर्च दिखाया गया. 

इमरान खान पर और भी हैं कई केस

बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ ये इकलौता मामला नहीं है. उनपर तोशखाना मामला सहित लगभग 37 केस दर्ज हैं. फवाद चौधरी की तरफ से जारी की गई जानकारी के अनुसार इमरान खान खुद 19 मामलों में याचिकाकर्ता हैं. जो सरकारी विभागों और व्यक्तियों के खिलाफ दायर किए गए हैं. हालांकि 37 मामले ऐसे हैं जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री सीधे तौर पर शामिल हैं.

तोशाखाना मामला 

तोशाखाना मामले में अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पांच साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिया था. दरअसल प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान इमरान खान ने तोशाखाना से जो तोहफ़े लिए थे, उसकी सही जानकारी उन्होंने अधिकारियों को नहीं दी थी. हालांकि इमरान ख़ान ने उनपर लगे इस आरोप को ग़लत बताया  हैं. 

उन पर आरोप है कि उन्होंने उन्होंने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान कई कीमती तोहफे अपने फायदे के लिए बेच दिए और चुनाव आयोग को दी गई अपनी संपत्ति बताते वक्त उन तोहफों का ब्योरा नहीं दिया था. बाद में चुनाव आयोग ने कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी कि इमरान ख़ान पीएम रहते हुए उन्हें जो गिफ्ट मिले उसे उन्होंने बेच दिया. चुनाव आयोग ने कहा कि इस मामले में इमरान खान को आपराधिक कानूनों के जरिए सजा दी जाए. 

पाकिस्तान का तोशाखाना साल 1974 में स्थापित किया गया था. ये कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है जहां देश के प्रमुखों, मंत्रियों, नौकरशाहों, सांसदों को विदेशी सरकार या अधिकारियों की तरफ से मिले महंगे तोहफे रखे जाते हैं.

महिला जज के अपमान का मामला 

तोशखाना मामले के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर एक महिला जज के अपमान का मामला भी है. साल 2022 के अगस्त महीने में इमरान के करीबी सहयोगी शहबाज़ को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था. 

उस वक्त इमरान ख़ान ने आरोप लगाया था कि शहबाज को प्रताड़ित किया जा रहा है. इसके बाद उन्होंने एक रैली में अपनी पार्टी के सहयोगी को हिरासत में लिए जाने और कथित तौर उनके साथ बदसलूकी किए जाने को लेकर इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख और एक महिला जज की निंदा की थी.

अपने भाषण में इमरान खान ने धमकी दी कि वह शीर्ष पुलिस अधिकारियों, एक महिला मजिस्ट्रेट, चुनाव आयोग और उनके राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ अपने सहयोगी शहबाज़ गिल के साथ कथित बदसलूकी करने के लिए मामले दायर करेंगे.

इमरान ख़ान ने ख़ास तौर पर अतिरिक्त जिला और सत्र जज ज़ेबा चौधरी को निशाना बनाया जिन्होंने इस्लामाबाद पुलिस के आग्रह पर शहबाज़ गिल की दो दिन की पुलिस रिमांड को मंज़ूरी दी थी.

उस रैली में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ने पुलिस प्रमुख और जज को निशाना साधते हुए कहा था, "शर्म करो, इस्लामाबाद आईजी, तुम्हें तो नहीं छोड़ना है, तुम्हारे ऊपर केस करना है हमने, और मजिस्ट्रेट साहिबा ज़ेबा, आप भी तैयार हो जाएँ, आपके ऊपर भी हम एक्शन लेंगे."

इस बयान के बाद इमरान खान पर महिला जज के कथित अपमान के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. जांचकर्ताओं का कहना था कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पर सरकारी अधिकारियों को धमका कर आतंकवाद-विरोधी कानून तोड़ा है.

इमरान मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?

इमरान खान को कादिर ट्रस्ट मामले में पंजाब रेंजर्स ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार कर लिया. वह इस कोर्ट में पेशी पर आए थे. गिरफ्तारी के बाद उनकी पार्टी ने लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की. समर्थकों ने रावलपिंडी, लाहौर और फैसलाबाद में जमकर उत्पात मचाया.

इमरान खान की गिरफ्तारी के मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई की. देर रात अपने फैसले में इसे कानूनी बता दिया. वहीं दूसरी तरफ पीटीआई के कई नेताओं के घर पर छापेमारी भी की गई.

इस गिरफ्तारी पर ब्रिटेन और अमेरिका ने भी बयान जारी किया और पाकिस्तान को सलाह दे दिया कि इस मामले में लोकतांत्रिक तरीके अपनाए जाएं. 

पाकिस्तान सरकार ने एक बयान में कहा कि इमरान खान को गेस्ट हाउस में रखा गया है. वहीं पर कोर्ट लगाई जाएगी और उनके मामले की सुनवाई की जाएगी.इमरान खान की पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है और गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन्हें रिहा करने की मांग की है. इमरान खान मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गई है.

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