18 साल तक घुटनों से सटा रहा चेहरा, 28 साल बाद सीधा खड़ा हुआ मरीज
चीन में एक मेडिकल की दुनिया में एक अजीब मामला सामने आया है. यहां 18 साल की उम्र में एक शख्स को ऐसी बीमारी हो गई जिसकी वजह से उनका सीधा खड़ा होना असंभव हो गया. डॉक्टरों ने भी उनके इलाज को असंभव करार दे दिया था. मगर एक डॉक्टर ने चुनौती को स्वीकार किया.

अगर किसी शख्स का बीमारी के चलते ठीक होना अंसभव हो जाए और फिर एक दिन पता चले कि उसकी सेहत सामान्य लोगों की तरह हो गई, तो आप क्या कहेंगे. चमत्कार या डॉक्टरों का कमाल. आप जो कुछ कहें लेकिन ऐसा मामला सामने आया है चीन में.
28 साल में पहली बार सीधा खड़ा हुआ मरीज
हूनान राज्य के ली हुआ नामी शख्स को 18 साल की उम्र में 'आंक्यलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस' नामक बीमारी हो गई थी. 1991 में डॉक्टरों ने उनकी बीमारी की पहचान की. बीमारी में रीढ़ की हड्डी की समस्या के कारण उनका सीधा खड़ा होना असंभव हो गया था. मरीज का चेहरा 20 साल से ज्यादा तक घुटनों से सटा रहा. जिसके बाद उन्हें ‘फोल्डिंग मैन’ के नाम से जाना जाने लगा. पिछले पांच सालों से उनकी स्थिति बिगढ़ती गई. यहां तक कि उनका कद 90 सेंटीमिटर (2.9 फुट) हो गया. डॉक्टरों के मुताबिक ऐसी स्थिति के कारण मरीज का खाना-पीना मुश्किल हो गया था. जिंदगी के खतरे को देखते हुए डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी करने से इनकार कर दिया था.
इसके बावजूद ली के परिवार ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने शिनजान यूनिवर्सिटी जनरल अस्पताल में स्पाइनल सर्जरी और ऑर्थोपेडिक्स विभाग के हेड ताउ हिरेन से मुलाकात की. प्रोफसर हुरीन ने असाधारण बीमारी से उपजी चुनौती को स्वीकार करने का फैसला किया. प्रोफेसर ने कहा कि उनके पास उनकी हड्डियों को एक बार में अलग करने का विकल्प बचा था. इलाज के दौरान उनके शरीर को पूरी तरह खोलकर चार चरणों में सर्जरी की गई. कई अन्य तरह के इलाज के बाद मरीज की स्थिति में सुधार होने लगा. यहां तक कि उन्होंने वाकर की मदद से चलना शुरू कर दिया. इस तरह 28 साल में पहली बार उन्होंने सीधा खड़े होने में सफलता पाई.
प्रोफेसर हुरीन ने बताया कि थेरेपी के बाद तीन महीने में उनकी चाल सामान्य हो जाएगी. हालांकि उनके लिए भारी काम या बॉक्सिंग, टेनिस जैसे खेल खतरनाक होंगे. डॉक्टर के मुताबिक उनका इलाज करना हिमालय पहाड़ पर चढ़ने के बराबर रहा. उन्होंने दावा किया कि चीन में ऐसा पहली बार हुआ जब स्पाइनल विकृति को ठीक करने में सफलता पाई गई. हुआ ने इलाज कर रहे डॉक्टर हुरीन का शुक्रिया अदा किया है. उनका कहना है कि प्रोफेसर हुरीन के बिना उनका इलाज संभव नहीं होता. उनकी वजह से मुझे दूसरा जीवन मिला है. मैं उन्हें अपनी दूसरी मां मानता हूं.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















