Coronavirus: ट्रंप ने WHO पर चीन केंद्रित होने का आरोप लगाया, फंडिंग रोकने की धमकी दी
डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि WHO का काफी झुकाव चीन की तरफ है और वो इस संस्था की अमेरिकी फंडिंग पर रोक लगा सकते हैं.

नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि वो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) को दी जाने वाली अमेरिकी फंडिंग रोक सकते है. ट्रंप ने कोरोना वायरस महामारी के दौर में WHO का झुकाव चीन की ओर होने का आरोप लगाया है और अमेरिका की तरफ से WHO को दी जाने वाली मदद रोकने की बात कही है.
ट्रंप ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से बड़ी मात्रा में फंड हासिल होता है, उन्होंने मेरे द्वारा लगाये गये ट्रैवल बैन की आलोचना की और असहमति जताई. वो बहुत सारी चीजों के बारे में गलत थे और बहुत चीन-केंद्रित लगते हैं. हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च होने वाली रकम पर रोक लगाने जा रहे हैं.
World Health Organization receives vast amount of money from US, they criticized&disagreed with my travel ban, at the time I did it.They've been wrong about a lot of things.They seemed to be very China-centric. We're going to put a hold on money spent to WHO: US Pres Donald Trump pic.twitter.com/VFYlYJbsvu
— ANI (@ANI) April 7, 2020
ट्रंप ने कहा कि वो WHO को दी जाने वाली फंडिंग पर बेहद शक्तिशाली रोक लगाने जा रहे हैं. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की इस संस्था की फंडिंग का सबसे बडा स्त्रोत अमेरिका ही है.
हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि डबल्यूएचओ को जितना फंड अमेरिका की ओर से दिया जाता है उसमें से कितनी रकम को रोक देंगे. हालांकि उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने थोड़ी देर बाद ये कहा कि "मैं ये नहीं कह रहा हूं कि हम ऐसा करने जा रहे हैं, हम फंडिंग रोकने के बारे में विचार कर रहे हैं."
डॉनल्ड ट्रंप ने ये भी कहा कि डबल्यूएचओ का काफी झुकाव चीन की तरफ देखने को मिलता है, ये सही नहीं है. ट्रंप ने कुछ दिन पहले भी अपने एक ट्वीट में आरोप लगाया था कि डबल्यूएचओ काफी चीन केंद्रित हो रहा है. ट्रंप ने ये सवाल भी उठाया था कि डबल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के दौर में भी गलत सिफारिश क्यों की और चीन से वायरस के फैलने के दौरान अंतर्राष्ट्रीय ट्रैवल में कटौती करने की बात का विरोध क्यों किया था. ट्रंप ने ये भी कहा कि "भाग्यवश मैंने उनके सुझाव को नहीं माना कि चीन को लेकर अपनी सीमाएं हम खुली रखें."
चीन को वॉशिंगटन में काफी आलोचना झेलनी पड़ी है और खासतौर पर रिपब्लिकन्स ने उसके इस महामारी को हैंडल करने के तरीकों पर सवाल उठाए थे. इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन के अपने यहां बताए गए कोरोना वायरस के मामलों और मौत के आंकड़ों पर भी संदेह जताया था.
हालांकि ट्रंप को भी काफी बड़े पैमाने पर आलोचना झेलनी पड़ी थी कि उन्होंने इस वायरस को गंभीरता से नहीं लिया और इसे एक साधारण बुखार बताते हुए कहा था कि अमेरिका में इसको लेकर स्थिति नियंत्रण में है. हालांकि बाद में उन्होंने इसको लेकर देश में राष्ट्रीय आपातकाल लगाने की घोषणा की.
बता दें कि अमेरिका में कोविड-19 से संक्रंमित होने वाले लोगों की संख्या चार लाख को पार कर गई है. अमेरिका में इस वक्त कुल 4,00,335 लोग कोरोना वायरस के मरीज हैं. वहीं यह वायरस अभी तक 12,841 लोगों की जान ले चुका है. अकेले न्यूयॉर्क में ही कोरोना वायरस के 1,42,384 शिकार हैं. न्यूयॉर्क में अभी तक कोरोना वायरस के चलते 5489 मौत हुई हैं.
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