'एहसान फरामोश बांग्लादेश', हिंदू युवक की हत्या पर भड़के इमाम उमर इलियासी, यूनुस के लोगों बताया असली इस्लाम
इमाम उमर अहमद इलियासी ने यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल से अपील की है कि वह हिंदुओं के साथ जो बर्बरता हो रही है, उसे लेकर बांग्लादेश के अंदर दखल दे.

बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या की ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ डॉक्टर इमाम उमर अहमद इलियासी ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि वह बांग्लादेशियों से पूछना चाहते हैं कि वे कौन सा इस्लाम अपना रहे हैं क्योंकि इस्लाम ये नहीं सीखाता, वह माफ करने और बचाने का नाम है. उन्होंने यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल से भी बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर हस्तक्षेप करने की अपील की है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बात करते हुए इमाम उमर इलियासी ने कहा कि बहुत ही दुखद घटना है. बहुत अफसोसनाक है. इंसानियत शर्मसार हुई है, ये इंसानियत का कत्ल है. उन्होंने कहा कि जिस तरह बांग्लादेश के अंदर लगातार हिंदुओं के ऊपर हमले हो रहे हैं, वो बहुत दुखद घटना है. खासतौर से अभी जिस तरह से उन्होंने उस बच्चे की जिस बर्बरता के साथ उसकी हत्या की और हत्या करके उसको पेड़ पर लटकाकर जिस तरह से उसके साथ व्यवहार किया गया, वो बहुत दुखद है.
इमाम उमर इलियासी ने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं बांग्लादेशियों से, वो बांग्लादेशी जिनके ऊपर हमेशा से भारत ने एहसान किया. वो एहसान फरामोश बांग्लादेशी भूल गए कि चाहे कोई इंफ्रास्ट्रक्चर हो या आर्थिक मदद, हर तरह से भारत उनके साथ खड़ा रहा. जिस तरह का वे व्यवहार कर रहे हैं, वो बहुत अफसोस की बात है.'
उन्होंने पूछा, 'कहां गईं वो ह्यूमन राइट्स की ऑर्गेनाइजेशंस जो इंसानियत और ह्यूमन राइट्स के लिए आवाज उठाती हैं, आज क्यों नहीं बोल रहीं. तमाम मुस्लिम और ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशंस को आगे आना चाहिए. जिस तरह बर्बरता के साथ हिंदुओं का कत्लेआम किया जा रहा है, वो बहुत दुखद बात है. मैं यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल से अपील करना चाहता हूं कि वह फौरन बांग्लादेश के अंदर दखल दे.'
इमाम उमर इलियासी ने बांग्लादेशियों से पूछा कि बांग्लादेश के अंदर रहने वाले वे इस्लाम को मानने वाले हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वो कौन सा इस्लाम अपना रहे हैं. वो इस्लाम की कौनसी तालीम है कि जिस तरह से वे हत्याएं कर रहे हैं, क्या इस्लाम इसकी इजाजत देता है?
उन्होंने कहा, 'ये इस्लाम की तालीम नहीं हैं. इस्लाम बचाने का नाम है. इस्लाम माफ करने का नाम है. आज जिस तरह बांग्लादेश के अंदर हो रहा है, हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह से भी अपील है कि उन्हें इस मामले में दखल देना चाहिए और हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की जो हत्याएं हो रही हैं, उनके साथ जो बर्बरता हो रही है, उसे फौरन रोकना चाहिए.'
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Source: IOCL























