भारत ने बहावलपुर, मुरीदके पर हमला किया तो गलत क्या? ल्यारी में बैठकर पाकिस्तानी मौलाना ने मुनीर पर दागे सवाल
मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार हमेशा से प्रो इंडिया है, प्रो पाकिस्तान नहीं. पाकिस्तान को यह देखना चाहिए कि क्या उसकी अफगान पॉलिसी फेल हो गई है.

पाकिस्तान की सियासत का बड़ा चेहरा और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने पाक के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को आईना दिखाया है. उन्होंने कहा है कि जब आप अपने दुश्मनों के ठिकानों पर हमला करके उसे सही ठहरा सकते हैं, तो जब हिंदुस्तान ने अपने लोगों पर हमला करने वालों के ठिकानों को तबाह किया तो वो गलत कैसे हो गया.
21 दिसंबर को कराची के ल्यारी में तहफ्फुज दीनिया मदारीस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने हिंदुस्तान और अफगानिस्तान पर बात की और सेना प्रमुख आसिम मुनीर से सवाल पूछे. उन्होंने कहा, 'मेरे सवालात हैं, अगर आप कहते हैं कि हमने अपने दुश्मन के मरकज पर स्ट्राइक की है और आप इसको एक जायज बयान कहते हैं. तो अगर हिंदुस्तान आपसे कहता है कि मैंने बहावलपुर में हमला किया, मैंने मुरीदके में हमला किया है और कश्मीर में हमारे खिलाफ कार्रवाई करने वालों के मरकज पर हमला किया है तो आप उस पर ऐतराज क्यों कर रहे हैं.'
फजलुर रहमान ने कहा कि अगर आप ऐतराज कर रहे हैं तो यही इल्जाम आपका अफगानिस्तान के हवाले से है. दोनों में आप मुखालफत कैसे पैदा कर रहे हैं. अगर आफ अफगानिस्तान पर अपनी कार्रवाई को सही ठहराएंगे और अगर ऐसा कहेंगे तो भारत की कार्रवाई को गलत कैसे कहेंगे.
उन्होंने कहा कि जब आप काबुल पर बमबारी करेंगे तो वो वैसा ही है जैसे कि कोई आपके इस्लामाबाद पर बमबारी करे. पाकिस्तानी फौज पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि आखिर तालिबान काबुल पर कैसे बमबारी बर्दाश्त कर सकता है.
अफगानिस्तान को लेकर आसिम मुनीर की पॉलिसी पर मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि पाकिस्तान को ऐसा अफगानिस्तान चाहिए जो प्रो-पाकिस्तान हो, लेकिन जाहिर शाह से लेकर अशरफ गनी तक अफगानिस्तान की सरकार प्रो इंडिया है, प्रो पाकिस्तान नहीं. ऐसा लगातार होता आया है.
मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि हमें 78 सालों की अफगान पॉलिसी पर बात करनी चाहिए. पाकिस्तान में कभी भी अफगानिस्तान में दोस्ताना सरकार नहीं रही, क्या ये हमारी अपनी पॉलिसी की नाकामी हो सकती है. उन्होंने कहा कि अगर हम कोई कहानी बनाते हैं तो हम जरूर दूसरे पक्ष पर इल्जाम लगाएंगे, लेकिन हमें खुद को भी देखना चाहए और पूछना चाहिए कि क्या हमारी अफगान पॉलिसी फेल हो गई है. यह बहस का मुद्दा होना चाहिए.
फजलुर रहमान ने मई में भारत के साथ हुए सैन्य संघर्ष को लेकर ये सवाल पूछे हैं. 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. 6 मई की रात को ऑपरेशन लॉन्च करके भारतीय सेना ने नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, जिनमें वह कामयाब नहीं हो सका.
यह भी पढ़ें:-
बांग्लादेश में भारत विरोधी आग भड़काने वाले 5 खलनायक कौन? पढ़ें पूरी लिस्ट
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























