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China Taiwan War: आक्रमक हुआ चीन, 48 घंटे में करीब 80 लड़ाकू विमान और युद्धपोत ताइवान की ओर भेजे
China Taiwan Conflict: चीन और ताइवान के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ता दिख रहा है. ड्रैगन अपने आक्रामक तेवर दिखा रहा है, इस बात की पुष्टि ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने की है.
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China Taiwan Tension: ताइवान के खिलाफ चीन लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए है. जिसके सबूत समय-समय पर देखने को मिले हैं. इसी क्रम में चाइना ने बीते दो दिनों में अपने नौसेना जहाज, लड़ाकू विमान और युद्धक विमानों का एक बड़ा समूह ताइवान की ओर भेजा है. इस बात की की जानकारी ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार (11 जुलाई) को दी.
ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, चीन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने मंगलवार सुबह 6 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे के बीच ताइवान के आसपास 38 युद्धक विमान और 9 नौसेना जहाज भेजे हैं. उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह से दोपहर तक सेना ने वहां 30 अन्य विमान भेजे, जिनमें जे-10 और जे-16 लड़ाकू विमान भी शामिल थे.
ताइवान में हो रहा है बड़ा आयोजन
इतना ही नहीं, चाइना ने हैनान प्रांत में अपने सीक्रेट नौसैनिक अड्डे को बड़े पैमाने पर विस्तार दिया है ताकि महाविशालकाय जंगी जहाजों को वहां तैनात किया जा सके. गौरतलब है कि ताइवान इस महीने के अंत में वार्षिक हान गुआंग अभ्यास का आयोजन करेगा, जिसमें उसकी सेना आक्रमण को रोकने के लिए युद्धाभ्यास करेगी.
इसके अलावा, ताइवान वार्षिक वानआन अभ्यास भी आयोजित करेगा, जिसका उद्देश्य नागरिकों को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करना और हवाई हमले की स्थिति में निकासी का अभ्यास करना है. ताईवान के इन तैयारियों को देख चीन कही न कही बौखलाया हुआ है, जिसकी झलक साफ़ तौर पर देखी जा सकती है.
इस बात पर है विवाद
गौरतलब है कि चीन लगातार ताइवान को अपना क्षेत्र होने का दावा करता है. जबकि ताइवान स्व-शासित होने का दावा करता है. हाल के वर्षों में अमेरिका और ताइवान की नजदीकियां बढ़ी हैं, जो चीन को बिल्कुल रास नहीं आ रहीं. ऐसे में ड्रैगन कई बार ताइवान को साफ तौर पर धमका चुका है.
बता दें कि पिछले साल अगस्त में अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे पर चीन भड़क गया था. तब चीन इस कदर तिलमिलाया हुआ था कि उसने अमेरिका संग कई क्षेत्रों में रिश्ते खत्म करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही चीन के 66 फाइटर जेट्स और 13 युद्धपोतों ने मध्य रेखा को पार कर अपना तेवर दिखाया था.
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