'जस्टिन ट्रूडो के बयान... इस झगड़े ने पाकिस्तान की याद दिला दी', भारत और कनाडा के बिगड़ते रिश्ते पर क्या बोले विदेशी मामलों के एक्सपर्ट?
एक्सपर्ट ने भारत के आंतरिक मामलों में जस्टिन ट्रूडो के बयानों पर कहा कि ये गलत है क्योंकि किसी प्रधानमंत्री से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती कि वह दूसरे देश के आंतरिक मामले में बोलें.
विदेशी मामलों के एक्सपर्ट माइकल कुगेलमैन ने कनाडा और भारत के बिगड़ते राजनियक रिश्तों की पाकिस्तान से तुलना की है. उनका कहना है कि हाल के दिनों में दोनों देशों ने जो रवैया अपनाया है, उसने भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्तों की याद दिला दी है. उन्होंने कहा कि इस वक्त कनाडा और भारत के संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और ये बिल्कुल वैसी ही स्थिति है जैसी भारत और पाकिस्तान के बीच है.
माइकल कुगेलमैन विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक हैं. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में जिस तरह कनाडा और भारत ने एक-दूसरे के लिए बयानबाजियां की हैं और राजनयिकों को देश छोड़ने के आदेश दे दिए हैं, उससे पता चलता है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते कितने खराब हो चुके हैं.
माइकल कुगेलमैन ने कहा कि चाहे राजनयिकों को वापस भेजने की बात हो, गंभीर आरोप लगाने की बात हो या सरकारी बयानों में तीखी भाषा का इस्तेमाल हो, ये सब पाकिस्तान और भारत के तल्ख रिश्तों के समान स्थिति है. उन्होंने कहा कि भारत का कहना है कि कनाडा सरकार अपने देश में एंटी-इंडिया आतंकियों को पनाह दे रहा है. भारत ऐसे आरोप पाकिस्तान पर भी लगाता है और हम यह सुनते आ रहे हैं. उन्होंने कनाडा सरकार पर भारत के आंतरिक मामलों को लेकर टिप्पणी को गलत बताया है. उनका कहना है कि कनाडा की आंतरिक राजनीति ने दोनों देशों के राजनयिक झगड़े को बढ़ाया है.
माइकल कुगेलमैन ने कहा कि जस्टिन ट्रूडो ने भारत के किसान आंदोलन को लेकर जो बयानबाजी की है, वो गलत है क्योंकि किसी प्रधानमंत्री से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती कि वह दूसरे देश के आंतरिक मामले में बोलें.
कनाडा लगातार खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय अधिकारियों के शामिल होने के आरोप लगाता रहा है. सोमवार को उसने भारतीय उच्चायोग संजय कुमार वर्मा समेत 6 राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दे दिया. इस पर भारत सरकार ने भी सख्त एक्शन लिया और 6 कानाई राजनियकों को अपने मुल्क वापस लौटने का फरमान सुना दिया. भारत ने कनाडा के सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि वह राजनीतिक फायदे के लिए भारत को लेकर बेतुकी बातें कर रहा है.
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