Trending News: महिला साइंटिस्ट ने पीया 260 करोड़ साल पुराना पानी, बताया कैसा था स्वाद, आम लोगों को दी ये सलाह
Britain Scientist: साइंटिस्ट बारबरा शेरवुड लॉलर ने पानी पीने के बाद इसका स्वाद खारा बताया. साथ ही इतना खारा होने के पीछे की वजह भी बताई और आम लोगों को इस तरह के पानी को न पीने की सलाह दी.
Scientist Drank 260 Crore Year Old Water: पानी इंसान के जिंदा रहने के लिए कितना जरूरी है ये हम सब जानते हैं. जब पीने के पानी की बात आती है तो हमारा ध्यान हमेशा ताजा पानी की तरफ ही जाता है. हम साफ और ताजा पानी ही पीते भी हैं. अगर पीने का पानी एक हफ्ते पुराना भी हो जाए तो उसे फेंक दिया जाता है.
अगर आपसे कोई ये कहे कि कोई 260 करोड़ साल पुराना पानी भी पी सकता है, तो शायद ही आप भरोसा करें, लेकिन यह सच है. पिछले दिनों एक वैज्ञानिक ने 260 करोड़ साल पुराना पानी पीकर सबको हैरान कर दिया. वैज्ञानिक ने उस पानी का स्वाद भी बताया.
2013 से रिसर्च सेंटर में रखा था पानी
ब्रिटेन की न्यूज वेबसाइट यूनिलेड (Unilad) के मुताबिक, यह कारनामा कर दिखाया है प्रमुख रिसर्चर बारबरा शेरवुड लॉलर (Barbara Sherwood Lollar) ने. यूनिलेड की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2013 में कुछ वैज्ञानिकों को धरती की सतह से 1.5 मील नीचे पानी मिला था. यह पानी ग्रैनाइट पत्थर के अंदर इकट्ठा था. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पानी 260 करोड़ साल पुराना है. हालांकि पानी मिलने के बाद से यह ऐसे ही रिसर्च सेंटर में रखा हुआ था. किसी ने इसे पीने के बारे में नहीं सोचा, लेकिन एक रिसर्चर बारबरा शेरवुड लॉलर ने पिछले दिनों इस पानी को पीने का फैसला किया.
ऐसा बताया पानी का स्वाद
इस पानी को पीने के बाद बारबरा शेरवुड लॉलर ने इसका स्वाद भी साझा किया. उन्होंने बताया कि "यह पानी काफी खारा था." उन्होंने पानी के इतना खारा होने के पीछे की वजह भी बताई. उनका कहना है कि पानी और पत्थर के बीच हुए केमिकल रिएक्शन की वजह से इसका स्वाद इतना बदला हुआ है. इसकी कॉन्सिसटेंसी मेपल सिरप से काफ़ी हल्की थी. यूं तो इसमें कोई रंग नहीं था, लेकिन ऑक्सिजन के संपर्क में आते ही इसका रंग हल्का नारंगी हो गया. ये इसमें मौजूद मिनरल्स की वजह से हुआ. उन्होंने आम लोगों को इस तरह के पानी को न पीने की सलाह दी.
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