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15% लोगों को दाएं-बाएं में फर्क मालूम नहीं, डॉक्टर्स भी लिस्ट में; इससे कितना खतरा?

शोध रिपोर्ट के मुताबिक 15% लोगों को दाएं और बाएं में फर्क मालूम नहीं था. इस लिस्ट में डॉक्टर्स भी शामिल हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि इसे ठीक नहीं किया गया तो आने वाले वक्त में यह भयानक हो सकता है.

क्या आपको भी दाएं और बाएं के बीच फर्क करने में कठिनाई महसूस होती है? शायद आपका जवाब ना में हो, लेकिन हालिया रिसर्च में खुलासा हुआ है कि हर 6 में से एक व्यक्ति को इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 

SAGE जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक वैन डेर हैम और उनके सहयोगियों द्वारा 2020 में एक शोध किया गया, जिसमें पाया गया कि लगभग 15% लोग बाएं और दाएं की पहचान करने के मामले में खुद को अपर्याप्त मानते हैं.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दाएं और बाएं के अंतर को समझाने के लिए अधिकांश प्रतिभागियों ने हाथ के सिंबल (उदाहरण- लिखने वाले हाथ को दायां मानकर) का उपयोग किया.

रिसर्च क्यों, 2 फैक्ट्स...

1. ब्रिटेन के प्रख्यात न्यूरोसर्जन हैनरी मार्श ने अपनी किताब 'ए लाइफ इन ब्रेन सर्जरी' में खुलासा किया कि दाएं और बाएं में अंतर नहीं मालूम होने की वजह से उन्होंने एक मरीज के ब्रेन की गलत सर्जरी कर दी. 

2. 2017 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिलिपिंस दौरे पर गए थे, उस दौरान जब उलट तरीके से हाथ मिलाने की बात कही गई तो ट्रंप भड़क गए. इसके बाद दाएं और बाएं के बीच अंतर को लेकर चर्चा शुरू हो गई. 

डॉक्टरों पर भी इसका असर
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक आयरलैंड के क्विन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेराल्ड गोर्मले ने मेडिकल एजुकेशन नामक एक शोध पत्र जारी किया. इस शोध में कहा गया है कि दाएं और बाएं के बीच अंतर करने की समस्या से कई डॉक्टर और मेडिकल के छात्र भी जूझते हैं. 

रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि मेडिकल साइंस को इस पर काफी ध्यान देने की जरूरत है. अगर इस समस्या को सुधारा नहीं गया तो इसका सीधा असर मरीजों पर पड़ सकता है.

अंतर पहचानने में बच्चे सबसे आगे
बुजुर्ग और व्यस्कों की तुलना में बच्चे सबसे जल्दी दाएं और बाएं के बीच अंतर को पहचान सकते हैं. फ्रांस के ल्योन न्यूरो साइंस रिसर्च सेंटर में एलिस गोमेज और उनकी टीम ने इस पर एक रिसर्च किया.

रिसर्च में उन्होंने पाया कि दाएं और बाएं के बीच फर्क करने में बच्चे बहुत कम गलती कर रहे हैं. दिलचस्प बात है कि रिसर्च में शामिल सभी बच्चों की उम्र 5-7 साल के बीच था.

इसी बात को आगे बढ़ाते हुए वैन डेर हैम कहती हैं- अगर आप कहीं घूमने जा रहे हैं और लोकेशन बताने के लिए कोई बच्चा आगे है तो दिशा की जानकारी देने में वो सबसे बेहतर हो सकता है. आप बच्चों को बेहतरीन नेविगेटर कह सकते हैं. 

ऐसा क्यों होता है यानी वजह क्या है?
इंसान दाएं और बाएं के बीच फर्क क्यों नहीं कर पाता है? इस पर बात करते हुए वैन डेर हैम कहती हैं- समरूपता न होना सबसे बड़ी वजह है. इंसान का दिमाग कई बार घूमने के क्रम में दिगभ्रमित हो जाता है. 

वैन डेर हैम आगे कहती हैं कि इसके लिए 5 कारक प्रमुख रूप से जिम्मेदार है. स्मृति, भाषा, दृश्य, स्थानिक प्रक्रिया और मानसिक रोटेशन की वजह से इंसान ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं होता है. 

दाएं और बाएं हाथ में अंतर कैसे बताया जाता है...

  • आप अपने बाएं हाथ की पहली उंगली को अंगूठे से मिलाते हैं तो आपको अंग्रेजी अक्षर b जैसा आकार दिखाई देगा. इस b का मतल Baayaan यानी Left होता है.
  • इसी तरह अगर आप दाहिने हाथ से भी ऐसा करते हैं, तो आपको अंग्रेजी अक्षर d की जैसी आकृति दिखाई देगी. इस d का मतलब होता है- Daayan यानी Right.

क्या इसका कोई समाधान है?
दाएं और बाएं के बीच फर्क समझने के लिए कोई समाधान है? इस सवाल पर वैन डेर हैम कहती हैं- दाएं से बाएं की पहचान के लिए मनुष्य शरीर में मौजूद प्रतिनिधित्व यानी ब्रेन का इस्तेमाल करता है. मानव शरीर अगर जितना असिमेट्रिकल (अससमित) होगा, उतना ही इसे पहचानने में आसान होगा.

एक शोध में यह भी दावा किया गया है कि महिलाओं की तुलना में पुरूष दाएं और बाएं के बीच जल्दी से फर्क कर लेते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक इसे सही करने का सबसे बेहतरीन तरीका जनजागरूकता अभियान चलाना है.

यह खतरनाक क्यों, 2 प्वॉइंट्स...

1. जेरार्ड गोर्मले के मुताबिक अगर हैनरी मार्श की तरह डॉक्टर सर्जरी करते वक्त दाएं और बाएं में फर्क भूल जाते हैं, तो इससे सीधे मरीज की मौत हो सकती है. यानी दाएं और बाएं में फर्क न कर पाने की एक गलती से इंसान की जान जा सकती है. 

2. गोर्मले टाइटेनिक जहाज का उदाहरण भी देते हैं. उनके मुताबिक अगर टाइटेनिक जहाज का चालक दाएं की बजाय बाएं मुड़ा होता तो शायद जहाज डूबने से बच सकती थी. उनका इशारा प्लेन और अन्य ड्राइवरों में इस तरह की दिक्कतों की तरफ है. 

ऊपर से नीचे की गिनती तेजी से करता है दिमाग
पीएलओएस वन में प्रकाशित नए शोध में पता चला कि मानव मस्तिष्क बाएं से दाएं की बजाय ऊपर से नीचे की गिनती तेजी से करता है. शोध में प्रतिभागी को क्षितिज, लम्बवत और ऊपर से नीचे की संख्या का ऑप्शन दिया गया था. हालांकि, अधिकांश प्रतिभागियों ने ऊपर से नीचे की संख्याओं की गिनती तेजी से की. 

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