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राम मंदिर के लिए छह दिसंबर को 'शौर्य दिवस' पर ये है इन हिंदू संगठनों का बड़ा प्लान
अहिप के प्रांत संगठन मंत्री वेद सचान ने कहा, "जिलों में महाआरती कर जिलाधिकारियों को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी दिया जाएगा. इस दौरान हनुमान चालीसा का पाठ कर राम मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना भी की जाएगी."
लखनऊ: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) छह दिसम्बर को 'शौर्य दिवस' के रूप में मनाती रही है. लेकिन इस बार उसे कार्यक्रम का आयोजन चुनौतियों का सामना करते हुए करना है. उसी संगठन से अलग हुए प्रवीण तोगड़िया का संगठन अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद (अहिप) राममंदिर का मुद्दा उठाकर खुद को हिन्दुओं का सबसे बड़ा पैरोकार बता रहा है. ऐसे में वह शौर्य दिवस का कार्यक्रम विहिप के समांतर करके अपनी ताकत का अहसास कराना चाहता है. इसीलिए वह इसे बड़े स्तर पर मनाने के प्रयास में लगा हुआ है.
विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, "विहिप छह दिसम्बर को शौर्य दिवस के तौर पर 1993 से मनाती आ रही है. हमारा संगठन संतों और धर्माचार्यो की उपस्थिति में एक सभा भी करता आ रहा है. हमें किसी से कोई चुनौती नहीं है. अगर हिंदू समाज का कोई व्यक्ति ऐसे आयोजनों में भाग लेता या मनाता है तो हमारे लिए यह और भी अच्छा है. हम किसी भी मूल सिद्धांत को भूले नहीं हैं."
उन्होंने बताया, "इस अवसर पर कारसेवकपुरम अयोध्या में एक छोटी धर्मसभा आयोजित की जाएगी. शर्मा ने बताया कि कहीं सभा तो कहीं पर हवन पूजन कर हम कार्यक्रम आयोजित करेंगे."
अहिप के प्रांत संगठन मंत्री वेद सचान ने कहा, "जिलों में महाआरती कर जिलाधिकारियों को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी दिया जाएगा. इस दौरान हनुमान चालीसा का पाठ कर राम मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना भी की जाएगी."
वेद ने कहा कि महाआरती के बाद ज्ञापन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल को देकर मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग की जाएगी.
उन्होंने कहा कि ज्ञापन में और भी मुद्दे उठाए जाएंगे. समान नागरिक संहिता लागू करने, अधिग्रहीत मठ, मन्दिरों को हिंदुओं को वापस करने और चढ़ावा को मंदिरों के विकास में ही खर्च करने जैसे अनेक मुद्दे होंगे.
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रंगनाथ सिंहवरिष्ठ पत्रकार
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