सरकारी मेडिकल कॉलेज से MBBS करने वाले हर डॉक्टर को गांव में दो साल करना होगा काम: योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस, एमडी और एमएस करने वाले डॉक्टरों को ग्रामीष इलाकों में अनिलार्य रूप से अपनी सेवाएं देनी होंगी.

लखनऊ: अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले हर डॉक्टर को दो साल गांव में काम करना अनिवार्य होगा. एमडी और एमएस करने वाले डॉक्टर भी एक साल के लिए अनिवार्य रूप से गांव में अपनी सेवाएं देंगे. इसके लिए बांड भी भरवाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने आधिकारिक आवास पर आयुष्मान भारत दिवस की पहली वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में ये बात कही.
योगी ने कहा, "सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले हर डॉक्टर को दो साल गांव में काम करना अनिवार्य होगा. इसके लिए इन डॉक्टरों से बांड भरवाया जा रहा है. इतना ही नहीं, इंटर्नशिप के लिए कोई सरकार को मजबूर नहीं करेगा."
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से यूपी में एक करोड़ 18 लाख परिवारों को इससे लाभ मिल रहा है. यही नहीं, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 8 लाख 45 हजार परिवारों को लाभ मिला है. 1.89 लाख लोगों को गोल्डन कार्ड पहुंचाया गया.
उन्होंने कहा, "एक साल पहले जब हमने इस योजना को लागू किया था तो हमारे सामने कई चुनौतियां थीं. जरूरतमंदों के बीच समयबद्ध तरीके से इस योजना का लाभ पहुंचाया जा सके, इसकी बेहद जरूरत थी."
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उत्तर प्रदेश में कुल 46.86 गोल्डन कार्ड बनाए गए. सीएम आरोग्य योजना के तहत 1.89 लाख लोगों को गोल्डन कार्ड पहुंचाया गया.
उन्होंने कहा कि कई जिलों में बेहतर और अच्छा काम किया गया है तो कई जिलों में धीमे गति से काम हुआ है. जो धीमे हैं, उन्हें इसमें तेजी दिखानी होगी. योगी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोग नियंत्रण में अच्छा काम किया है.
योगी ने कहा, "साल 1947 से 2012 तक 12 मेडिकल कॉलेज बने थे. हम 15 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए काम कर रहे हैं. सात नए मेडिकल कॉलेज इस दौरान खोल दिए गए हैं. हर जिले में लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस दी गई है. यह लोगों की जिंदगी बचाने का काम कर रही है."
इससे पहले, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए गरीब परिवार के लोग कर्ज लेते थे. कई बार जमीन बेचने तक की नौबत आ जाती थी.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना से आच्छादित हुए 40 लाभार्थियों को टोकरी और शॉल देकर सम्मानित किया. इसके साथ ही एक कॉफी टेबलबुक और हॉस्पिटल बुकलेट का विमोचन भी किया गया.
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