यूपी: भ्रष्ट पुलिसवालों पर योगी सरकार सख्त, वाराणसी में 22 पुलिसकर्मियों को जबरन किया गया रिटायर
बता देें कि पिछले दिनों गृह विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट और नकारा अफसरों को जबरन सेवानिवृत्ति देने के निर्देश दिए थे. य़ोगी ने कहा था कि उन अधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत नहीं है जो कानून व्यवस्था के प्रति ईमानदार नहीं बरतते.

नई दिल्ली: भ्रष्ट और नकारा अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपना लिया है. इसके तहत वाराणसी में 50 वर्ष की आयु पार कर चुके 22 पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर कर दिया गया.
वाराणसी एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने कहा कि 50 साल के हो चुके 22 पुलिस अधिकारियों (कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल) को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा रही है क्योंकि उनके खिलाफ अनुशासनहीनता, कदाचार और भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं.
पिछले दिनों गृह विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट और नकारा अफसरों को जबरन सेवानिवृत्ति देने के निर्देश दिए थे.य़ोगी ने कहा था कि उन अधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत नहीं है जो कानून व्यवस्था के प्रति ईमानदार नहीं बरतते. मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अपराधियों से सांठगांठ रखने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान की जाए क्योंकि वर्दी के नाम पर कलंक बन चुके लोगों की विभाग में कोई जगह नहीं है.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा,‘‘आप के आस-पास सारे संसाधन मौजूद हैं, पूरी छूट है और दावे के अनुसार आप सड़क पर ही रहते हैं तब भी अपराध की घटनाएं क्यों हो रही हैं. अपराध होने के बाद भी आपकी कार्रवाई क्यों नहीं दिखती. किसी घटना का जब मीडिया ट्रायल शुरू हो जाता है, उसके बाद ही आपकी कार्रवाई क्यों दिखती है.’’ आजमगढ़ मंडल की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों की अपराधियों से सांठगांठ है, अभियान चलाकर उनको चिह्नित करें. वर्दी के नाम पर कलंक बन चुके लोगों की विभाग में कोई जगह नहीं है.
उन्होंने कहा था कि चौकीदार सूचनाएं देकर अपराध को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. हर पखवाड़े इनके साथ बैठक करें, प्रधानों और अन्य जनप्रतिनिधियों से भी लगातार संवाद बनाए रखें. लोकतंत्र में समस्याओं के हल का सबसे प्रभावी जरिया है संवाद. लूट होने पर संबंधित थाने के बीट सिपाही से लेकर अन्य पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय करें.
मुख्यमंत्री ने जेलों को अपराधियों के आराम और अपराध संचालन का अड्डा बनने पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. आंकड़े नहीं जनता के भरोसे को कानून-व्यवस्था का पैमाना बनाएं, इस भरोसे से ही जनता में सकारात्मक संदेश जाता है.
महिलाओं और मासूम बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं को कड़ाई से रोकने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि रेंज स्तर पर ऐसे 10 अपराधियों की सूची बनाकर उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करें, ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएं मजबूती से पैरवी कर दो महीने में उन को अधिकतम सजा दिलवाएं, ऐसा करने से ऐसी मानसिकता के अन्य अपराधी भी भयभीत होंगे.
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