लचर सिस्टम ने ले ली हेल्थ मिनिस्टर की बीमार भांजी की जान, परिवार ने ही उठाए सवाल

इलाहाबाद: इलाहाबाद में प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही ने मोदी सरकार में हेल्थ मिनिस्टर अनुप्रिया पटेल के परिवार की एक छात्रा की जान ले ली. मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति और परिवार के दूसरे सदस्यों का साफ़ आरोप है कि अगर इलाहाबाद के हर्ष हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने अगर घर के बाथरूम में बेहोश हुई छात्रा का शुरुआती इलाज कर उसे आक्सीजन दे दिया होता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी.
सरकारी अस्पताल की सुविधाओं पर भी सवाल
मंत्री के परिवार ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले हॉस्पिटल के खिलाफ हेल्थ डिपार्टमेंट और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है. मंत्री के पति ने तो बाद में छात्रा का इलाज करने वाले इलाहाबाद के सरकारी अस्पताल की सुविधाओं पर भी सवाल उठाए हैं. मोदी सरकार में हेल्थ मिनिस्टर अनुप्रिया पटेल पर यूं तो 125 करोड़ देशवासियों को बेहतर इलाज मुहैया कराने का ज़िम्मा है, लेकिन उनके राज में देश का मेडिकल सिस्टम कैसे काम कर रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खुद उनके परिवार को आज इलाहाबाद के एक प्राइवेट हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत करनी पड़ रही है तो साथ ही सरकारी अस्पताल की सुविधाओं पर सवाल उठाने पड़ रहे हैं.
वाक्या इलाहाबाद का है, जहां मंत्री अनुप्रिया के पति आशीष पटेल की सगी भांजी 21 साल की गरिमा सिंह दो जून की शाम को बाथरूम में गिरकर अचानक बेहोश हो गई. कानपुर की रहने वाली गरिमा झांसी के एक कालेज में बीटेक सेकेंड इयर की छात्रा थी और परिवार की एक शादी में शामिल होने के लिए पिछले हफ्ते ही अपनी मौसी के घर इलाहाबाद आई थी. दो जून की शाम को बेहोश होने के बाद परिवार के लोग उसे पड़ोस में लाउदर रोड स्थित शहर के नामचीन प्राइवेट हॉस्पिटल हर्ष में ले गए.
हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने नहीं दिखाई कोई दिलचस्पी
मंत्री अनुप्रिया के पति और परिवार के दूसरे लोगों का आरोप है कि इस हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने तकरीबन दस मिनट तक कार में ही इंतजार कराया और बाद में मंत्री के परिवार का मामला जानने के बाद इलाज से इंकार करते हुए उसे किसी दूसरी जगह ले जाने को कहा. आरोप है कि परिवार वाले शुरुआती इलाज के बाद रेफर करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन हर्ष हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और लापरवाही भरे अंदाज में फिर से वापस ले जाने को कहा. आरोप यह भी है कि हॉस्पिटल में वेंटिलेटर की सुविधा होने के बावजूद हर्ष हॉस्पिटल ने वहां यह सुविधा न होने का भी झूठ बोला.
परेशान परिवार वाले फ़ौरन गरिमा को लेकर मेडिकल कॉलेज द्वारा संचालित स्वरूपरानी नेहरू हॉस्पिटल के लिए रवाना हुए. रास्ते में जाम होने की वजह से वहां पहुँचने में इन्हे आधे घंटे का वक्त लग गया. इस बीच गरिमा की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी. स्वरूपरानी अस्पताल ने रात भर गरिमा का इलाज तो किया लेकिन वहां के इंतजाम देखकर परिवार वाले तीन जून की सुबह उसे लखनऊ के एसजीपीजीआई ले गए.
5 जून को गरिमा हार गई ज़िंदगी की जंग
मंत्री अनुप्रिया के पति आशीष ने स्वरूपरानी सरकारी अस्पताल में भी सुविधाओं पर सवाल उठाए और कहा कि उन्हें मजबूरी में भांजी गरिमा को लखनऊ शिफ्ट कराना पड़ा. एसजीपीजीआई में दो दिन इलाज के बाद पांच जून को गरिमा ज़िंदगी की जंग हार गई और उसकी सांसें थम गईं. गरिमा का अंतिम संस्कार कल हुआ और आज इलाहाबाद के संगम पर उसका अस्थि विसर्जन किया गया. मंत्री के पति और परिवार के दूसरे लोगों का साफ़ आरोप है कि अगर हर्ष हॉस्पिटल ने शुरुआती इलाज कर दिया होता तो गरिमा की जान बचाई जा सकती थी. परिवार वाले अब इस मामले में इंसाफ की मांग कर रहे हैं और इस मामले में लिखित शिकायत की बात कर रहे हैं.
मामले के तूल पकड़ने के बाद आरोपों के घेरे में आए हर्ष हॉस्पिटल ने अब इस मामले में सफाई पेश की है. हॉस्पिटल के संचालक न्यूरो सर्जन डॉक्टर मुकुल पांडेय का कहना है कि छात्रा गरिमा को ब्रेन अटैक पड़ा था. उस वक्त कोई सीनियर डॉक्टर हॉस्पिटल में नहीं था, इसलिए उसे दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा गया. उनके मुताबिक़ वेंटिलेटर लगाने में भी वक्त लगता, इसलिए हॉस्पिटल ने उसे वापस कर दिया. हालांकि कभी वह टाइम लगने की बहानेबाजी करते हैं तो कभी दोनों वेंटिलेटर उस दिन खराब होने का दावा करते हैं. उन्होंने सफाई पेश करते हुए कहा है कि इसमें हॉस्पिटल की कोई गलती नहीं है.
ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग
कहा जाता है कि मौत और ज़िंदगी ऊपर वाले के हाथ में है, लेकिन अगर देश की हेल्थ मिनिस्टर का परिवार ही स्वास्थ्य सेवाओं और सिस्टम पर सवाल उठाए और नाराज़गी जताते हुए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग करते हुए इंसाफ की गुहार लगाए तो देश में आम लोगों की मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
Source: IOCL























