किसी ने लीची तो किसी ने नियति को बताया 'चमकी बुखार' की वजह, जानिए- नेताओं की बेतुकी दलीलें
'चमकी बुखार' की वजह से पूरा बिहार बेहाल हो गया है, बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ते हुए 129 तक पहुंच गया है. इसे लेकर जब नेताओं से बात की गई तो किसी ने लीची तो किसी ने नियति को बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहरा कर अपना पल्ला झाड़ लिया.

पटना: बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है. इस बुखार के कारण अब तक 129 बच्चों की मौत हो चुकी है. पूरा बिहार इस परेशानी से त्राही त्राही कर उठा है, ऐसे में नीतीश सरकार के मंत्री ने इसे नियति बता कर अपना पिंड छुड़ाने की कोशिश की, तो वहीं मोदी सरकार के मंत्री ने इसके लिए लीची को जिम्मेदार बताया. हम आपको बताते हैं कि इस बुखार को लेकर अब तक किस-किस ने क्या बयान दिए हैं.
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे- नियति को ठहराया जिम्मेदार
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस बुखार के लिए अजब-गजब कारण बताते हुए नियति को जिम्मेदार ठहरा दिया. उन्होंने कहा, "न प्रशासन जिम्मेदार है, न सरकार जिम्मेदार है, मैं मानता हूं जो नियति है वो ठीक नहीं है, और जो मौसम है वो भी इसके लिए एक मुख्य कारण है."
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे- लीची को बताया मौत की वजह
चमकी बुखार से हो रही मौतों को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा, "बच्चों की मौतों के पीछे कई सारे कारण हैं. एक वजह ये भी है कि बच्चे भूखे पेट लीची खा लेते हैं, लीची में जो बीज होता है वो शरीर में शुगर को कम कर देता है. जिसकी वजह से इन्सेफ्लाइटिस हो रहा है." हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस पर रिसर्च की जा रही है.
अश्विनी चौबे का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इस वीडियो में मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वो सोते हुए नजर आ रहे थे. इसे लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी इस गलती को छिपाने के लिए ये कह दिया कि वो चिंतन कर रहे थे.मुजफ्फरपुर के बीजेपी सांसद अजय निषाद- ग्लोबल वार्मिंग की थ्योरी दी
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का प्रकोप सबसे ज्यादा है. ऐसे में वहां के बीजेपी सांसद अजय निषाद ने इस महामारी को लेकर अजीब ही दलील पेश की है. अजय निषाद ने ABP न्यूज से बातचीत में कहा है कि गर्मी और गंदगी के कारण ये बीमारी ज्यादा फैल रही है. अजय निषाद ने ग्लोबल वार्मिंग की थ्योरी भी दे दी. उनके मुताबिक ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण गर्मी बढ़ रही है और बीमारी का उपाय यही है कि पेड़ पौधे लगाए जाएं.
5 साल पुराने वादे को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दिया बयान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से जब इस बीमारी को लेकर उनके पांच साल पुराने वादे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''सुपर स्पेशलिटी सेंटर वहां बनाए जा रहे है, मैंने खुद देखा है. मैंने राज्य सरकार को समर्थन देने का वादा किया है. सभी अच्छा करने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने मुजफ्फरपुर में करीब एक घंटे तक बात की. मैं हर एक घंटे की स्थिति का जायजा ले रहा हूं.''
आज मुजफ्फरपुर पहुंचे CM नीतीश कुमार, लगे मुर्दाबाद के नारे
आज सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मरीजों का हाल चाल लेने मुजफ्फरपुर पहुंचे, लेकिन उन्हें आक्रोशित भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ा. लोगों ने नीतीश कुमार मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारे लगाए. फिलहाल नीतीश कुमार अस्पताल के अंदर बैठक कर रहे हैं. अस्पताल के बाहर भारी संख्या में लोग मौजूद हैं. सीएम नीतीश के साथ डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी मौजूद हैं.
क्या होता है एक्युट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार)
एक्युट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) शरीर के नर्वस सिस्टम पर सीधा असर करता है. तेज बुखार के साथ इसकी शुरुआत होती है. इसके बाद यह बुखार शरीर के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर असर करता है जिससे शरीर में छटपटाहट और मानसिक असंतुलन तक की स्थिति बन जाती है. यह बीमारी अमूमन मानसून के समय (जून से अक्टूबर) के महीने में ही होती है. हालांकि, अप्रैल और जून के महीने में भी इसे देखा गया है.
कैसे होता है एक्युट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार)
एक्युट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) वायरस, बैक्टेरिया, फंगी जैसी चीजों से हो सकता है. देश में एक्युट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम सबसे ज्यादा जापानी इंसेफ्लाइटिस वायरस से होता है. हालांकि, एक्युट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) डेंगू, निपाह वायरस, जीका वायरस, स्क्रब टाइफस जैसे वायरसों से भी होता है.
बिहार: मुजफ्फरपुर में अस्पताल तो गए नीतीश लेकिन लोगों की फरियाद सुने बिना निकले, लोगों ने किया विरोध
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