पिछले 70 सालों से अन्याय का सिम्बल बना हुआ था अनुच्छेद 370- रविशंकर प्रसाद
केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि धारा 370 पिछले सत्तर सालों से अन्याय का सिम्बल बनी हुई थी. उन्होंने पूछा कि जब आतंकवाद आया और बढ़ा तब 370 की पैरवी वाले लोग कहां थे.

नई दिल्ली: केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर कहा कि हम इसके लिए कब से लगे हुए थे लेकिन किसी को कानों कान ख़बर नहीं थी. अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे रविशंकर प्रसाद ने 370 हटाए जाने पर खुलकर बात की. अंतरराष्ट्रीय अंगदान दिवस पर केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से सांसद रवि शंकर प्रसाद ने रविवार को एक कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर नेत्रदान करने की घोषणा की. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लोगों के बीच ये धारणा है कि राजनीति में काम करने वाले लोग संवेदनशून्य होते हैं. अंगदान और नेत्रदान पर आयोजित संकल्प कार्यक्रम में प्रसाद ने बहुचर्चित कश्मीर के मुद्दे पर बात की. उन्होंने बताया कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फ़ैसला पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने लिया.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 पिछले सत्तर सालों से अन्याय का सिम्बल बना हुआ था. उन्होंने आगे कहा कि देश को आज़ाद हुए सत्तर साल हो गए लेकिन ये कौन सा क़ानून है कि कश्मीर की बेटी अगर कश्मीर के बाहर किसी से शादी करती है तो अपनी सम्पत्ति से बाहर हो जाती है. कश्मीर में गुर्जर, बकरवाल हैं लेकिन उन्हें आरक्षण क्यों नहीं मिलता हैं.
केंद्रीय मंत्री ने सवाल उठाया कि जम्मू-कश्मीर में बाल विवाह क़ानून क्यों लागू नहीं है. वहां मैला नहीं ढोने का क़ानून भी अबतक लागू नहीं है. कश्मीर में अबतक एक भी बड़ी फ़ैक्टरी नहीं है. उन्होंने पूछा कि जब आतंकवाद आया और बढ़ा तब 370 की पैरवी वाले लोग कहां थे. रविशंकर प्रसाद ने पीएम मोदी-अमित शाह की सराहना करते हुए कहा कि इस अस्थायी धारा को एक दिन जाना ही था. लेकिन इसके लिए साहस की ज़रूरत थी जो पीएम मोदी और अमित शाह ने दिखाया.
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