एक्सप्लोरर

यूपी: मामखोर के दो रंगबाज़- एक ने रील लाइफ से दुनिया में बनाई पहचान, दूसरा बना अपराध की दुनिया का बादशाह

साल 1973 में रविकिशन के गांव के एक और परिवार में एक बेटे ने जन्‍म लिया. इसका नाम रखा गया श्रीप्रकाश शुक्‍ला. इसी ‘मामखोर’ गांव और गोरखपुर शहर में पला बढ़ा श्रीप्रकाश शुक्‍ला आगे चलकर अपराध की दुनिया का बादशाह बना.

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर गोरखपुर आज विकास के सोपान लिख रहा है. लेकिन, 80 के दशक में इस शहर की गिनती अपराध में टेक्सास के बाद दुनिया के दूसरे शहर के रूप में रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ये बात कई मौके पर कह चुके हैं. ये ऐसा शहर है जहां जन्म लेने वाली कई हस्तियों ने मुकाम हासिल कर शहर को पहचान दिलाई. तो बहुतों ने शहर की पहचान ही बिगाड़ दी. गोरखपुर के दक्षिणांचल का एक गांव है ‘मामखोर’. यहां की मिट्टी का एक युवा, जिसने रील लाइफ से दुनिया में पहचान बनाई. तो वहीं दूसरा अपराध की दुनिया का बादशाह बना.

गोरखपुर को 80 के दशक में अपराध की दुनिया के रूप में पहचाना जाता रहा है. ये वही दौर था, जब लोग शाम होने के बाद घरों से बाहर निकलने से भी डरते थे. राह चलते कब गोलियों की तड़तड़ाहट, कब गैंगवार हो जाए, ये किसी को नहीं पता था. मिनटों में कई-कई लाशें सड़क पर बिछ जाती थीं. इसके बाद 90 का दौर भी आया, जब इस शहर का एक युवा के अपराध की बादशाहत से बड़े-बड़े खौफ खाने लगे. इसी शहर के दक्षिणांचल के चिल्‍लूपार विधानसभा में बसा है ‘शुक्‍ल’ ब्राह्मणों का गांव ‘मामखोर.’ कहा जाता है कि मामखोर के बहुत से ‘शुक्‍ल ब्राह्मण’ देश के अलग-अलग शहर और अलग-अलग देशों में जाकर बसें हैं.

यहां ‘मामखोर’ का जिक्र हम यूं ही नहीं कर रहे हैं. ‘मामखोर’ का जिक्र यहां इसलिए भी हो रहा है क्‍योंकि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के शहर गोरखपुर का ये गांव साल 2019 के चुनाव के पहले अचानक ही पूरी दुनिया में सुर्खियों में आ गया है. इसकी वजह भी साफ है. साल 2017 में योगी आदित्‍यनाथ के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद जब गोरखपुर लोकसभा सीट खाली हुई, तो यहां पर साल 2018 में उप-चुनाव हुए. इस उप-चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. पांच बार से सांसद रहे मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और बीजेपी के लिए ये बड़ा झटका रहा है.

ऐसे में साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उप-चुनाव में जीत हासिल करने वाली सपा को कैसे शिकस्‍त दी जाय, इसको लेकर मंथन होने लगा. लेकिन, शीर्ष नेतृत्‍व की ओर से कई बार बैठक के बाद भी प्रत्‍याशी को लेकर चेहरा साफ नहीं हो पाया. ऐसे में अंततः फिल्‍म अभिनेता रविकिशन के नाम पर मुहर लग गई. बीजेपी उम्‍मीदवार के रूप में उनके गोरखपुर आने के पहले ही उनके ऊपर बाहरी होने का ठप्‍पा लगा दिया गया. सोशल मीडिया पर भी विपक्षियों ने खूब माहौल बनाया. लेकिन, रविकिशन ने इससे हार नहीं मानीं. वे बड़ी ही सादगी से लोगों के बीच इस बात को रखते रहे हैं कि वे और उनके पूर्वज चिल्‍लूपार के ‘मामखोर’ के रहने वाले हैं. इसे साबित करने के लिए वे मामखोर गांव भी गए और वहां की माटी को माथे से भी लगाया. वहां के दुर्गा मंदिर में पूजा-अर्चना कर जीत का आशीर्वाद लेने के साथ वहां के लोगों से मुलाकात भी की.

रविकिशन ऐसी शख्सियत हैं, जिनके पूर्वज बरसों पहले गोरखपुर के मामखोर से निकलकर जौनपुर जाकर बस गए थे. उनके माता-पिता कई सालों तक मुंबई में दूध के कारोबार से जुड़े रहे. वहीं पर रविकिशन का साल 1969 में जन्‍म हुआ. रविकिशन के जन्‍म के कुछ साल बाद उनका परिवार वापस जौनपुर चला आया. लेकिन, उनकी किस्‍मत में तो कुछ और ही लिखा था. नतीजा ‘मामखोर’ का लाल रियल लाइफ के स्‍ट्रगल को झेलता हुआ रील लाइफ यानी फिल्‍मी दुनिया में संघर्ष करते हुए दुनिया में पहचान बनाकर गांव का नाम रोशन किया.

रविकिशन को अब मंदिर और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की उस सीट से बीजेपी ने प्रत्‍याशी बनाया है, जिस पर बीजेपी की प्रतिष्‍ठा दांव पर लगी हुई है. रील लाइफ के ‘मामखोर’ के हीरो रविकिशन के लिए इस सीट को जीतना कितना अहम है, ये उन्‍हें अच्‍छी तरह से पता है. यही वजह है कि बाहरी होने के आरोपों का जवाब देने के लिए जब वे ‘मामखोर’ गांव पहुंचे, तो न सिर्फ वहां की माटी में मस्‍तक झुकाया. बल्कि, वहां के लोगों के बीच से ये संदेश भी दिया कि वे यहीं की माटी के लाल हैं. उन्‍होंने वहां के दुर्गा मंदिर में मत्‍था टेककर आशीर्वाद भी लिया. वे कहते हैं कि मामखोर का ये लाल अब रील लाइफ से निकलकर रियल लाइफ में गोरखपुरवासियों के लिए कुछ करने के लिए वापस आया है.

रविकिशन के जन्‍म के पांच साल के बाद यानी साल 1973 में उन्‍हीं के गांव के एक और शुक्‍ल परिवार में बेटे ने जन्‍म लिया. इसका नाम रखा गया श्रीप्रकाश शुक्‍ला. इसी ‘मामखोर’ गांव और गोरखपुर शहर में पले-बढ़े श्रीप्रकाश शुक्‍ला का शौक पहलवानी करना था. लम्‍बी-चौड़ी कद-काठी वाला इस नौजवान ने भी उम्‍मीदों की उड़ान के सपने देखे थे. लेकिन, एक ऐसा वाकया हुआ, जिसने इसे रंगबाज बना दिया. जी, हां ये नौजवान जरायम की दुनिया का रंगबाज बन गया. बहन से छेड़खानी की घटना से आहत होकर श्रीप्रकाश शुक्‍ला ने साल 1993 में राकेश तिवारी नाम के युवक की गोली मारकर हत्‍या कर दी.

उसके बाद बिहार के माफिया सूरजभान की मदद से वो बैंकॉक भाग गया. श्रीप्रकाश जब वहां से लौटा, तो वो उसने अपराध की दुनिया में अपने कदम बहुत तेजी से जमाए और विपक्षी पार्टी के नेताओं की हत्‍या की सुपारी लेने लगा. यही वजह है कि कई बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेताओं के बीच उसकी चर्चा होने लगी. उसका संबंध कई बड़े राजनेताओं के साथ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में भी रहा है. साल 1997 में उसके गैंग ने विरेन्‍द्र प्रताप शाही की लखनऊ में हत्‍या कर दी. उसके बाद उसने लखनऊ के व्‍यापारी की हत्‍या कर उसके बेटे का अपहरण कर लिया. फिरौती की रकम मिलने के बाद उसने व्‍यापारी के बेटे को छोड़ा था.

जून 1998 में श्रीप्रकाश शुक्‍ला बिहार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्‍या कर सुर्खियों में आ गया. इसके कुछ दिन बाद ही उसने मोतिहारी के विधायक अजीत सरकार की हत्‍या कर दी. उसके बाद फर्रुखाबाद के सांसद साक्षी महाराज ने दावा किया कि श्रीप्रकाश शुक्‍ला यूपी के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री कल्‍याण सिंह की हत्‍या की सुपारी ली है. ये सब सुनकर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. आनन-फानन में एसटीएफ का गठन किया गया. एसटीएफ ने उसका मोबाइल ट्रेस कर गाजियाबाद में उसे 22 सितंबर 1998 को मुठभेड़ में मार गिराया. श्रीप्रकाश पर कई फिल्‍में भी बनीं. हालिया वेब सीरीज में श्रीप्रकाश को शरण देने वाले बिहार के माफिया डान सूरजभान का किरदार रविकिशन ने ही निभाया है.

गोरखपुर: यूपी में गुंडा टैक्‍स के बदले जेल या राम नाम सत्‍य की यात्रा निकलेगी- योगी आदित्‍यनाथ

यूपी: भदोही कांग्रेस जिलाध्यक्ष का इस्तीफा, प्रियंका गांधी पर लगाया अपमानित करने का आरोप

लोकसभा चुनाव: छठे चरण का मतदान पूरा, तस्वीरों में देखें प्रयागराज के चुनावी रंग  

लोकसभा चुनाव: देवरिया सीट पर होगी बीजेपी की गठबंधन से सीधी टक्‍कर, सातवें चरण में 19 मई को होना है मतदान

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
IND vs SA 1st T20: इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज
इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज

वीडियोज

20 लाख का 'मुर्दा दोस्त' ! मौत का Fixed Deposit | Sansani | Crime
Bengal Babri Masjid Row: काउंटिंग के लिए लगानी पड़ी मशीन, नींव रखने के बाद कहा से आया पैसा?
Vande Matram Controversy: विवादों में किसने घसीटा? 150 साल बाद गरमाया वंदे मातरम का मुद्दा...
Indian Rupee Hits Record Low: गिरते रुपये पर चर्चा से भाग रही सरकार? देखिए सबसे सटीक विश्लेषण
Indigo Crisis:'अच्छे से बात भी नहीं करते' 6वें दिन भी इंडिगो संकट बरकरार | DGCA | Civil Aviation

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
IND vs SA 1st T20: इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज
इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज
Hollywood OTT Releases: इस हफ्ते OTT पर हॉलीवुड का राज, 'सुपरमैन' समेत रिलीज होंगी ये मोस्ट अवेटेड फिल्में-सीरीज
इस हफ्ते OTT पर हॉलीवुड का राज, 'सुपरमैन' समेत रिलीज होंगी ये फिल्में-सीरीज
UAN नंबर भूल गए हैं तो ऐसे कर सकते हैं रिकवर, PF अकाउंट वाले जान लें जरूरी बात
UAN नंबर भूल गए हैं तो ऐसे कर सकते हैं रिकवर, PF अकाउंट वाले जान लें जरूरी बात
Benefits of Boredom: कभी-कभी बोर होना क्यों जरूरी, जानें एक्सपर्ट इसे क्यों कहते हैं ब्रेन का फ्रेश स्टार्ट?
कभी-कभी बोर होना क्यों जरूरी, जानें एक्सपर्ट इसे क्यों कहते हैं ब्रेन का फ्रेश स्टार्ट?
Video: भीड़ में खुद पर पेट्रोल छिड़क प्रदर्शन कर रहे थे नेता जी, कार्यकर्ता ने माचिस जला लगा दी आग- वीडियो वायरल
भीड़ में खुद पर पेट्रोल छिड़क प्रदर्शन कर रहे थे नेता जी, कार्यकर्ता ने माचिस जला लगा दी आग- वीडियो वायरल
Embed widget