यूपी: बहराइच से सांसद सावित्रीबाई फुले कांग्रेस में शामिल, पूर्व सांसद राकेश सचान ने भी थामा कांग्रेस का हाथ
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सानिध्य में आज सावित्री बाई फुले और राकेश सचान कांग्रेस परिवार का हिस्सा बन गए.

नई दिल्लीः बीजेपी से इस्तीफा दे चुकीं सावित्रीबाई फुले ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. सावित्रीबाई फुले यूपी के बहराइच से सांसद हैं. इसके अलावा फतेहपुर के पूर्व सांसद राकेश सचान भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. कांग्रेस की उप्र महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एवं ज्योतिरदित्य सिंधिया ने दोनों नेताओं का कांग्रेस परिवार में स्वागत किया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सानिध्य में आज सावित्री बाई फुले और राकेश सचान कांग्रेस परिवार का हिस्सा बन गए.
Delhi: Bahraich MP Savitri Bai Phule (former BJP leader) and former Fatehpur MP Rakesh Sachan (former SP leader) join Congress in presence of Party President Rahul Gandhi, General Secretary for UP east Priyanka Gandhi Vadra and General Secretary for UP west Jyotiraditya Scindia. pic.twitter.com/efy0BybpSE
— ANI (@ANI) March 2, 2019
कांग्रेस की ओर से जारी संक्षिप्त बयान में कहा गया है, "कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सानिध्य में आज सावित्री बाई फुले (सांसद, बहराइच) और राकेश सचान (पूर्व सांसद, फतेहपुर) कांग्रेस परिवार का हिस्सा बने. पार्टी ने कहा, 'उप्र महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एवं ज्योतिरदित्य सिंधिया ने दोनों नेताओं का कांग्रेस परिवार में स्वागत किया.' पिछले लोकसभा चुनाव में सावित्री भाजपा के टिकट पर बहराइच से निर्वाचित हुईं थी. पिछले साल दिसंबर में उन्होंने भाजपा पर अपनी उपेक्षा करने और समाज में बंटवारे की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
दिसंबर में सावित्रीबाई फुले ने बीजेपी से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया था. फुले कई मौकों पर बीजेपी की पार्टी लाइन से हटकर बयान देकर पहले भी विवादों में रही. वह अनुसूचित जातियों से जुड़े मुद्दों पर बीजेपी की कटु आलोचना करती रहीं हैं. फुले का जाना बीजेपी के लिए बड़ा धक्का था और अब उनके कांग्रेस में शामिल होने की खबर बीजेपी की परेशानी और बढ़ा सकती है.
बहराइच से सांसद सावित्राबाई फुले ने बी आर आंबेडकर की पुण्यतिथि को इस्तीफे के लिए चुना था और उस वक्त उन्होंने कहा कि वह संविधान को अक्षरश: लागू करवाना चाहती हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा था कि ‘‘देश के चौकीदार की पहरेदारी में संसाधनों की चोरी करायी जा रही है.’’
इस्तीफे की ये वजह बताई थी उन्होंने कहा था, 'विहिप, बीजेपी और आरएसएस से जुड़े संगठनों द्वारा अयोध्या में पुन: 1992 जैसी स्थिति पैदा करके समाज में विभाजन और सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है. इससे आहत होकर मैं बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं.'
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