मध्य प्रदेश: ग्वालियर में चार दिग्गज सांसदों के नाक की लड़ाई बना विधानसभा चुनाव, दांव पर है सियासी साख
ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने चुनौती ग्वालियर की सभी 6 सीटों पर कांग्रेस की विजय पताका लहराकर अपने लिए सीएम पद की दावेदारी मजबूत करने की है.

भोपाल: मध्य प्रदेश में चुनाव विधानसभा का है लेकिन ग्वालियर में ये चुनाव चार दिग्गज सांसदों के नाक की लड़ाई बन गया है. इस चुनाव में दांव पर इन सांसदों की सियासी साख है. सियासत के वो चार चेहरे जिनके लिए इस बार ग्वालियर का विधानसभा चुनाव बेहद खास हो गया है उनमें एक तरफ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हैं तो दूसरी ओर राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया. चुनावी मैदान में अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा के साथ राज्यसभा सांसद प्रभात झा भी अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के मूड में हैं.
इसी वजह से इन चारों की सियासी लड़ाई का अखाड़ा ग्वालियर बन गया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने चुनौती ग्वालियर की सभी 6 सीटों पर कांग्रेस की विजय पताका लहराकर अपने लिए सीएम पद की दावेदारी मजबूत करने की है. वहीं दूसरी तरफ नरेंद्र सिंह तोमर पर हर हाल में बीजेपी को जिताने का दबाव है क्योंकि वो ग्वालियर से सांसद हैं.
ग्वालियर में पेंच इसलिए भी फंस गया है क्योंकि मुरैना से बीजेपी सांसद अनूप मिश्रा संसद छोड़ विधानसभा लौटना चाहते हैं. मिश्रा ग्वालियर पूर्व सीट से दावेदारी भी ठोंक रहे हैं. उधर बिहार में जन्में और ग्वालियर से शिक्षा-दीक्षा हासिल करने वाले प्रभात झा अपने बेटे तुषमुल झा का ग्वालियर की किसी सीट से विजय तिलक करना चाहते हैं जिससे मामला और पेंचीदा हो चला है.
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ग्वालियर में जिसका सिक्का चलेगा उसका सियासी भविष्य उतना ही मजबूत होगा. लेकिन इन सब के बीच आखिरी फैसला जनता की अदालत को सुनाना है. ग्वालियर में चारों हाई प्रोफाइल सांसदों के बीच दिलचस्प राजनैतिक युद्ध देखने को मिलेगा और चुनावी नतीजे ही अब ये तय करेंगे कि ग्वालियर से किस सांसद की आखिरकार जीत होती है.
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