मध्य प्रदेश: टावर पर चढ़ी आशा कार्यकर्ता नीचे गिरी, दो पुलिसकर्मी समेत तीन घायल
नियमितीकरण और अपने मानदेय को बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर आशा और उषा की महिला कार्यकर्ता दो अक्टूबर की सुबह से मुख्यमंत्री निवास के पास पॉलिटेक्निक चौराहे पर धरने पर बैठी हैं.

भोपाल: आशा और उषा महिला कार्यकर्ताओं की विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री निवास के पास पॉलिटेक्निक चौराहे पर टावर पर चढ़ी 42 साल की महिला प्रदर्शनकारी बुधवार को अचानक नीचे गिर गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई. इस हादसे में उसे टावर से नीचे उतारने की कोशिश कर रहीं दो महिला पुलिसकर्मी भी घायल हुईं हैं. तीनों को उपचार हेतु हमीदिया अस्पताल भेज दिया गया है.
नियमितीकरण और अपने मानदेय को बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर आशा और उषा की महिला कार्यकर्ता दो अक्टूबर की सुबह से मुख्यमंत्री निवास के पास पॉलिटेक्निक चौराहे पर धरने पर बैठी हैं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज सोनी ने बताया, ''टावर से नीचे गिरी आशा कार्यकर्ता का नाम ममता राजावत (42) है. वह भिंड की रहने वाली है. उसके पैरों और आंख के पास गंभीर चोटें आईं हैं. नीचे गिरते समय टावर से टकराने से आंख के पास चोट लगी. उसे तत्काल शासकीय हमीदिया अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, जहां उसकी स्थिति अब ठीक है.''
#WATCH: An ASHA (Accredited Social Health Activist) worker falls off a wireless tower at Polytechnic Chauraha in Bhopal during the workers' protest demanding an increase in their minimum salary. The injured worker has been taken to Gandhi Medical College. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/4iORUuRolR
— ANI (@ANI) October 3, 2018
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिसकर्मी उसे नीचे उतरने के लिए आवाज दे रहे थे. इसी दौरान उसका हाथ स्लिप हो गया और वह टावर से नीचे गिर गई. इस हादसे में नीचे से इस महिला को समझा रहीं दो महिला पुलिसकर्मी भी उसकी चपेट में आ गईं, जिससे उनके भी पैरों में चोटें आईं हैं. उन्हें भी इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.
कल से ही इन प्रदर्शनकारियों को बताया जा रहा है कि यह प्रतिबंधित इलाका है. इस इलाके में धारा 144 लगी है. इसलिए यहां पर धरने पर न बैठें, लेकिन वे नहीं मानी. सोनी ने बताया कि इसके बावजूद इन प्रदर्शनकारियों ने इलाके में शांति भंग करने के अलावा चक्काजाम भी किया.
सोनी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर भी उनसे मिले थे और उन्हें आश्वस्त किया गया कि उनकी बात मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे. इसके बाद भी उन्होंने चक्काजाम किया और धरना जारी रखा. सोनी ने बताया कि प्रतिबंधित इलाके में धरना देने, शांति भंग करने औऱ चक्काजाम करने के लिए इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भादंवि की धारा 188 और 341 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
टावर से महिला कार्यकर्ता के गिरने के बाद आशा कार्यकर्ताओं का गुस्सा और भड़क गया और उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से हाथापाई भी की. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आशा सहयोगिनी को 25,000 रुपए और आशा-उषा कार्यकर्ताओं को 10,000 रुपए मानदेय सुनिश्चित किया जाए. इसके अलावा नियमितीकरण और चिकित्सा सुविधा समेत दूसरी कई सुविधाओं की मांग की जा रही है.
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इसी बीच, मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया, ''प्रदेश की आशा-उषा कार्यकर्ता अपनी जायज मांगो को लेकर सीएम हाउस के समीप सड़कों पर कड़ी धूप में अपने बच्चों को लेकर धरने पर बैठी हैं. उनसे राखी बंधवाने वाले (मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री) शिवराज सिंह चौहान को चुनावी भूमिपूजन छोड़ उनकी खैर-खबर लेनी चाहिये. लेकिन अभी तक सरकार का कोई भी ज़िम्मेदार उनसे मिलने तक नहीं पहुंचा है.''
प्रदेश की आशा-उषा कार्यकर्ता अपनी जायज माँगो को लेकर सीएम हाउस के समीप सड़कों पर कड़ी धूप में अपने बच्चों को लेकर धरने पर बैठी है.. उनसे राखी बँधवाने वाले शिवराज को चुनावी भूमिपूजन छोड़ उनकी खैर खबर लेना चाहिये लेकिन अभी तक सरकार का कोई भी ज़िम्मेदार उनसे मिलने तक नहीं पहुँचा है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 3, 2018
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि रातभर से पुलिस उन्हें धमका रही है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
Source: IOCL























