फिल्मी है सचिन-सारा की प्रेम कहानी, पढ़ाई के दौरान प्यार फिर परिवार में तकरार, आखिरकार मुकम्मल हुआ इश्क
सचिन और सारा की मुलाकात इंग्लैंड में पढ़ाई दौरान हुई थी. वहीं पर दोनों का प्यार परवान चढ़ा और फिर दोनों ने शादी का फैसला किया. लेकिन दोनों परिवार के ये रिश्ता मंजूर नहीं था.

नई दिल्ली: आखिरकार शुक्रवार को कांग्रेस ने राजस्थान के लिए मुख्यमंत्री का एलान कर दिया. अनुभवी अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालेंगे, वहीं युवा नेता सचिन पायलट को राजस्थान का उपमुख्यमंत्री होंगे. अगर आज पायलट को मुख्यमंत्री पद दे दिया जाता तो उनकी पत्नी सारा अब्दुल्ला पायलट के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड जुड़ जाता. सारा के पिता फारूक अब्दुल्लाह, भाई उमर अब्दुल्लाह, दादा शेख अब्दुल्लाह और फूफा गुलाम मोहम्मद शाह जम्मू-कश्मीर के सीएम रहे हैं.
सारा और सचिन की प्रेम कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है. हिंदी फिल्मों की तरह पहले पढ़ाई के दौरान दोनों को प्यार हुआ फिर दोनों ने शादी का फैसला किया. लेकिन अलग धर्म होने की वजह से परिवार बीच में आया लेकिन दोनों के प्यार ने धर्म और जाति की दहलीज को पार करते हुए इस कहानी को एक मुकम्मल अंजाम तक पहुंचाया.
एक पुराने टीवी इंयरव्यू में सारा ने बताया था कि मैं और सचिन एक दूसरे को तीन साल से जानते थे. हालांकि हमारे परिवार एक दूसरे को काफी पहले से जानते थे. लेकिन हम दोनों की पहचान इंग्लैंड में हुई थी. सारा ने बताया तब सचिन वहां पर मास्टर्स कर रहे थे और वे कॉलेज में थीं. दोनों फोन और मेल से बातें करते थे. बातचीत लंबी होती थी जिसकी वजह से फोन का बिल बहुत ज्यादा आता था. सारा ने ये भी बताया कि उन्हें यकीन था कि सचिन राजनीति में जाएंगे लेकिन उस समय सचिन श्योर नहीं थे कि उन्हें राजनीति में जाना है. सारा ने कहा कि उन्हें सचिन के राजनीति में जाने से कोई दिक्कत नहीं हुई.
राजस्थान का सस्पेंस खत्म, अशोक गहलोत होंगे सीएम, सचिन पायलट को मिला डिप्टी सीएम का पद
सारा ने बताया कि उनके पिता और सचिन पायलट के पिता एक दूसरे के अच्छे दोस्त थे. एक दूसरे को जानते थे. सारा ने कहा कि मुझे शुरू से मालूम था कि ये रिश्ता खास है. लेकिन जब हमारे परिवार को पता चला की हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं तो काफी हंगामा हुआ लेकिन हम दोनों ने इंतजार किया.
वहीं इस इंटरव्यू में सचिन पायलट बताते हैं, "मैं डेस्टिनी में विश्वास करता हूं. धर्म और जाति की हमारे देश में एक खास भूमिका है और हम इसका सम्मान करते हैं. लेकिन धर्म और बाकि सब कुछ किसी का भी व्यक्तिगत फैसला होता है. हम दोनों शादी करना चाहते थे. एक-दूसरे के साथ रहना चाहते थे. खुश रहना चाहते थे. बाद में जब परिवार ने देखा कि हम एक दूसरे के साथ खुश हैं तो सब कुछ ठीक हो गया.''
राजस्थान: कभी राजनीति से हताश होकर अशोक गहलोत ने ले ली थी खाद बेचने की एजेंसी
जब सारा से पुछा गया कि सचिन की राजनीति में उनकी क्या भूमिका है, तब सारा ने कहा कि मेरी सचिन की राजनीति में कोई भूमिका नहीं है. वो अपना काम करते हैं और मैं अपने काम पर ध्यान देती हूं. हम शाम को मिलते हैं तो वो अपने काम के बारे में बताते हैं और मैं अपने काम और उससे जुड़े लोगों के बारे में बताती हूं. हां लेकिन मैं उनके लिए कभी-कभी कैम्पेन करती हूं. सारा ने आगे कहा कि मैं बहुत खुश किस्मत हूं की मुझे सचिन के परिवार का हिस्सा बनने का मौका मिला. हमारा परिवार सभी धर्मों का सम्मान करता है. हम ईद, क्रिस्मस और दीवाली साथ मिलकर मनाते हैं.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















